
देहरादून, 20 सितंबर 2025: राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में जिला टीबी फोरम की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाते हुए जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए ठोस योजना पर काम करने के निर्देश दिए गए।

सीडीओ ने कहा कि “टीबी मुक्त भारत अभियान” केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन स्वेच्छा से टीबी मरीजों को पोषण, दवा और आजीविका संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए निक्षय मित्र बन सकता है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को व्यापक प्रचार-प्रसार करने और निजी अस्पतालों एवं संस्थाओं को भी अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए। सीडीओ ने अधिकारियों को कम से कम एक टीबी मरीज गोद लेने के निर्देश दिए और कहा कि वे स्वयं भी एक मरीज को गोद लेकर सहयोग करेंगे।
बैठक में सीडीओ ने टीबी का सफल उपचार कराने और अभियान में योगदान देने पर टीबी चैंपियन कविता, कल्पना, मीनाक्षी, नेहा और आयुष ममगाई को सम्मानित किया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.के. वर्मा ने बताया कि मरीजों को टीबी निदान के लिए मुफ्त इलाज और पोषण सहायता उपलब्ध कराई जाती है। निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को उपचार के दौरान प्रतिमाह 1,000 रुपये और उपचार पूरा होने पर 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। देहरादून जिले में 5,160 मरीजों के लक्ष्य के मुकाबले 6,408 मरीजों का उपचार किया गया है। अब तक 1,764 निक्षय मित्र जुड़े हैं और जिले के 401 पंचायतों में से 184 को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है।
सीएमओ डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिला टीबी फोरम का गठन किया गया है, जिसमें जिला क्षय रोग अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, एडवोकेट और अन्य सदस्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 190 से अधिक अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं, लेकिन अब तक केवल 14 निजी संस्थानों ने ही टीबी उन्मूलन की जानकारी उपलब्ध कराई है। सभी निजी अस्पतालों एवं संस्थानों को अनिवार्य रूप से जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में सीडीओ, सीएमओ, जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रोसेस मैनेजर साकेत वासुदेव, एमआरडी मनजीत सिंह, इम्पैक्ट इंडिया टीबी चैंपियंस, ओएनजीसी, मैक्स, सिनर्जी सहित विभिन्न संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।