
उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास माणा गांव में हिमस्खलन की चपेट में आए 55 मजदूरों को बचाने के लिए सेना और आईटीबीपी का रेस्क्यू अभियान जारी है। अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उनका इलाज बद्रीनाथ में चल रहा है, जबकि 8 मजदूर अभी भी लापता हैं।
बचाव अभियान के दौरान 33 मजदूरों को तुरंत रेस्क्यू किया गया, जिसकी पुष्टि एसपी चमोली सर्वेश पंवार ने की है। वहीं, 18 और मजदूरों को आज सुबह सुरक्षित निकाला गया।
इन राज्यों के मजदूर थे शामिल
हादसे के वक्त छह राज्यों के मजदूर निर्माण कार्य में लगे थे। इनकी सूची निम्नलिखित है:
बिहार – 11 मजदूर
उत्तराखंड – 10 मजदूर
उत्तर प्रदेश – 10 मजदूर
हिमाचल प्रदेश – 6 मजदूर
पंजाब – 1 मजदूर
जम्मू-कश्मीर – 1 मजदूर
यह भी पढ़े – माणा हिमस्खलन: 47 मजदूरों का सफल रेस्क्यू, 8 की तलाश जारी, राहत कार्य तेज
अब भी लापता मजदूरों की सूची
- जितेंद्र सिंह
- नरेश राजक
- विजय कुमार
- हरि बहादुर
- नर बहादुर
- नरेंद्र
- जयशंकर
- सूर्या
माणा हिमस्खलन मामला, आज 14 मजदूरों को किया गया रेस्क्यू, 47 मजदूरों का हुआ अब तक सफल रेस्क्यू,8 मजदूरों की तलाश तेज,राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी,सीएम पुष्कर सिंह धामी ले रहे हैं पल-पल की अपडेट #UttarakhandAvalanche #snowrockcreak #chamolinews #ManaVillage pic.twitter.com/zgXjWIhsYo
— Shubham Singh Yadav (@ShubhamYadav645) March 1, 2025
रेस्क्यू ऑपरेशन और हेल्पलाइन नंबर जारी
उत्तराखंड सरकार ने आपदा प्रबंधन के तहत हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि पीड़ितों के परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें:
मोबाइल नंबर: 8218867005, 9058441404
दूरभाष नंबर: 0135-2664315
टोल-फ्री नंबर: 1070
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने बचाव कार्य को तेज करने और सभी एजेंसियों को पूरी मुस्तैदी से काम करने के निर्देश दिए।
बर्फबारी बनी बाधा, फिर भी जारी है अभियान
7 फीट ऊंची जमी बर्फ बचाव कार्य में बाधा बन रही है, लेकिन सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चला रही हैं।
उत्तराखंड के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। इस हादसे में 47 मजदूरों को बचा लिया गया है, लेकिन 8 मजदूरों की तलाश जारी है। सरकार और राहत एजेंसियां पूरी ताकत से बचाव कार्य में जुटी हैं। इस संकट की घड़ी में प्रशासन और स्थानीय लोग पूरी एकजुटता से मदद कर रहे हैं।