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स्वास्थ्य सेवाओं से सुरक्षित होगी चारधाम यात्रा: धामी सरकार की पहल को मोदी सरकार की मंजूरी

देहरादून, :उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित चारधाम यात्रा अब और भी सुरक्षित और सुगम होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के प्रयासों को केंद्र सरकार का सहयोग मिला है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने चारधाम यात्रा के दौरान पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी डॉक्टरों की तैनाती के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इस निर्णय से जहां तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी, वहीं पीजी डॉक्टरों को डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (DRP) के अंतर्गत सेवाएं देने का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा।

राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से मजबूत होगी स्वास्थ्य व्यवस्था

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने को पूरी तरह तैयार है। एनएमसी की स्वीकृति इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

विशेषज्ञ सेवाएं, बिना अतिरिक्त प्रशिक्षण के

एमडी, एमएस और डीएनबी डॉक्टर अब चारधाम यात्रा में सेवा देकर डीआरपी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यह सेवा डीआरपी के तहत मान्य होगी और इसके लिए डॉक्टरों को तीन महीने की अतिरिक्त ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी।

हिमालयी चिकित्सा का व्यावहारिक अनुभव

एनएमसी के सचिव डॉ. राघव लैंगर ने कहा कि यह पहल सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण है। चारधाम जैसे कठिन भौगोलिक और जलवायु वाले क्षेत्र में काम कर trainee doctors को इमरजेंसी मैनेजमेंट और हिमालयी चिकित्सा का विशेष अनुभव मिलेगा।

डॉक्टरों को मिलेगा लॉजिस्टिक सपोर्ट

राज्य सरकार इन चिकित्सकों को आवास, भोजन, प्रशिक्षण, सेवा प्रमाणपत्र सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। यात्रा मार्गों पर विशेष चिकित्सा इकाइयों को भी मज़बूती दी जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को तुरंत और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

एनएमसी की स्वीकृति के बाद देशभर के मेडिकल संस्थानों से सहयोग की इच्छा जताई जा रही है। युवा डॉक्टर इस पहल को अपने करियर और समाजसेवा दोनों के लिए उपयोगी मान रहे हैं

मुख्यमंत्री का संदेश: “श्रद्धा के साथ सुरक्षा भी ज़रूरी”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा, बल्कि सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से भी एक मिसाल बने। यह पहल तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ डॉक्टरों को सेवा भाव और व्यावसायिक प्रशिक्षण का अवसर भी देगी।”

यह निर्णय राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से एक धार्मिक यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह सहकारी संघीय शासन के सफल मॉडल का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

चारधाम यात्रा 2025 अब सिर्फ आस्था की नहीं, बल्कि चिकित्सा सुरक्षा की भी यात्रा होगी। उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार के साझा प्रयासों से यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुरक्षित, संतुलित और प्रेरणादायक बनकर उभरेगी।

 

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