
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार के प्रथम रिस्पांडर के रूप में डीएम जिले के सबसे दुर्गम आपदाग्रस्त क्षेत्र फुलेत पहुंचे।

अब तक प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर सेवा के माध्यम से राशन और रसद पहुंचाई जा रही थी। लेकिन इस बार डीएम ने जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी का दुर्गम सफर तय कर छमरौली पहुंचे और वहां से करीब 12 किमी पैदल मार्ग नापकर प्रशासनिक अमले के साथ फुलेत पहुंचे।

हेली सेवा का विकल्प छोड़कर प्रशासन ने दुर्गम व पैदल रूट को चुना। डीएम ने मौके पर पहुंचकर आपदा से हुई क्षति का जायजा लिया, प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जनजीवन सामान्य करने के निर्देश दिए।
ग्राउंड जीरो पर प्रशासनिक अमले के साथ मौजूद डीएम ने गाड़, गदेरे, ढौंड और ढंगार पार कर आपदा प्रभावित परिवारों तक पहुंच बनाई और उन्हें हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

आपदा में पुलिया, पुल और सड़कें धुल जाने से आवाजाही बाधित है, बावजूद इसके प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य शुरू कर दिए हैं। डीएम ने साफ कहा कि हर हाल में सरकार और प्रशासन प्रभावितों के साथ खड़ा है।