मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तिराहा शहीदों को दी श्रद्धांजलि, शहीद स्थल का होगा री-डेवलपमेंट

रामपुर तिराहा, 3 अक्टूबर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान तैयार करने की घोषणा की। संग्रहालय को भव्यता प्रदान करने के लिए कार्य किए जाएंगे, और इस स्थल पर एक कैंटीन तथा बस स्टॉपेज भी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 का रामपुर तिराहा गोलीकांड उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास में सबसे क्रूर और गहरे घाव देने वाला अध्याय है। उन्होंने कहा कि इस दिन की याद हमें हमेशा याद दिलाती है कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों के त्याग और बलिदान से सींची गई है।

राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं। इसमें शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3,000 रुपये मासिक पेंशन, घायल और जेल गए आंदोलनकारियों के लिए 6,000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों के लिए 4,500 रुपये पेंशन शामिल है। राज्य सरकार ने नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है, चिन्हित आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी किए हैं और 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित किया गया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। रामपुर गोलीकांड के समय इस क्षेत्र के लोगों द्वारा आंदोलनकारियों की सहायता को स्थायी बनाने के लिए रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केंद्र बनाए गए। शहीद स्मारक हेतु भूमि दान करने वाले महावीर शर्मा के योगदान को स्मारक में उनकी प्रतिमा स्थापित कर चिरस्थायी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए गए हैं। साथ ही राज्य में कड़ी नकल विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किए गए हैं। सरकार ने 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया और दंगारोधी कानून लागू किया। इसके अलावा, नए कानून के तहत केवल सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले मदरसे संचालित होंगे। सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है।

इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, पूर्व सांसद सजीव बालियान, विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, विधायक खानपुर उमेश कुमार, विधायक झबरेड़ा विरेंद्र जाति, दर्जाधारी मधु भट्ट, राजेंद्र अंथवाल, शोभाराम प्रजापति, सचिव युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार प्रमेन्द्र डोभाल, राज्य आंदोलनकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।