अमरनाथ यात्रा: उधमपुर मुठभेड़ के बाद अलर्ट, श्रद्धालुओं को सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा की सलाह

जम्मू : उधमपुर में हुई आतंकी मुठभेड़ के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमरनाथ यात्रा को लेकर नई सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वे अकेले यात्रा करने से बचें और जम्मू से निकलने वाले सुरक्षा काफिले के साथ ही यात्रा करें।
सुरक्षा एडवाइजरी की मुख्य बातें
जम्मू के आईजीपी भीमसेन टूटी ने गुरुवार को जिला पुलिस लाइन में पत्रकारों से बात करते हुए एडवाइजरी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमरनाथ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को दो मुख्य सुझावों का पालन करना चाहिए। पहला, श्रद्धालुओं को स्वतंत्र रूप से अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए। दूसरा, उन्हें जम्मू से रवाना होने वाले सुरक्षा काफिले के साथ ही यात्रा करनी चाहिए।
यह एडवाइजरी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बृहस्पतिवार को उधमपुर में आतंकी मुठभेड़ हुई थी। कश्मीर के लिए जम्मू से श्रद्धालुओं का जत्था जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उधमपुर होते हुए ही गुजरता है, जिससे इस क्षेत्र की सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है और 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 2 जुलाई को रवाना होगा। यात्रा शुरू होने में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है।
आईजीपी टूटी ने बताया कि जम्मू से रवाना होने वाला जत्था पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में होता है, जिससे श्रद्धालु पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालु व्यक्तिगत तौर पर यात्रा करते हैं तो उन्हें रास्ते में कई जगह जांच के लिए रोका जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है और वे परेशान भी होंगे।
बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
इस बार जम्मू संभाग में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की 30 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बार पवित्र गुफा का आधार शिविर भी सीआरपीएफ के हवाले है, जबकि पिछले वर्ष यहां आईटीबीपी की बटालियन तैनात थी।
जम्मू से रवाना होने वाले जत्थे में शामिल होने वालों की भगवती नगर में ही जांच होगी और रास्ते में कहीं भी अतिरिक्त पूछताछ की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी।
जम्मू होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन गुप्ता के अनुसार, 60 से 70 प्रतिशत श्रद्धालु स्वतंत्र रूप से यात्रा करके बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते हैं। पहलगाम और बालटाल में इनके लिए तत्काल पंजीकरण का बंदोबस्त किया गया है। कश्मीर रेल सेवा शुरू होने के बाद इस बार स्वतंत्र यात्रियों की संख्या और कम हो सकती है।आंकड़ों के अनुसार, बीते वर्ष की यात्रा में केवल 31 प्रतिशत श्रद्धालु ही जम्मू से जत्थे में शामिल होकर गए थे। वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 39 प्रतिशत था।