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ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली में किया बड़ा बदलाव, भारत की चुनावी प्रक्रिया की दी मिसाल

वाशिंगटन डीसी – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अब संघीय चुनावों में मतदान के लिए अमेरिकी नागरिकता का दस्तावेजी प्रमाण देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, सभी मतपत्रों को चुनाव दिवस तक प्राप्त करना आवश्यक होगा, जिससे देर से आने वाले मेल-इन बैलेट को अमान्य कर दिया जाएगा।

भारत और ब्राजील का दिया उदाहरण

अपने आदेश में ट्रंप ने भारत और ब्राजील का उल्लेख करते हुए कहा कि ये देश मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका अभी भी नागरिकता सत्यापन के लिए काफी हद तक स्व-प्रमाणन (self-attestation) पर निर्भर है। ट्रंप ने कहा, “अमेरिका एक स्वशासन वाला अग्रणी देश होने के बावजूद, हम अपने चुनावों में बुनियादी और आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे हैं। भारत और ब्राजील जैसे देश अपने चुनावी प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा लागू कर रहे हैं, जबकि अमेरिका को अभी इस दिशा में सुधार की आवश्यकता है।”

नए आदेश के प्रमुख बिंदु

  1. मतदाता पंजीकरण के लिए नागरिकता प्रमाण अनिवार्य – अब संघीय चुनावों में भाग लेने के लिए नागरिकता से जुड़े दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा।
  2. मतपत्रों की समय सीमा – सभी मतपत्रों को चुनाव दिवस तक प्राप्त करना आवश्यक होगा, जिससे देर से डाक से आने वाले बैलेट अमान्य हो सकते हैं।
  3. राज्यों के लिए सख्त नियम – जो राज्य इन नए नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें संघीय चुनावी वित्त पोषण से वंचित किया जा सकता है।
  4. नागरिकता धोखाधड़ी पर सख्त कार्रवाई – न्याय विभाग को गैर-नागरिकों द्वारा मतदान करने से संबंधित अपराधों की जांच और सजा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

कानूनी विवाद की संभावना

इस कार्यकारी आदेश को लेकर कानूनी विवाद की भी संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी संविधान के तहत चुनावों का संचालन राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है, और राष्ट्रपति को इस तरह के आदेश जारी करने का सीमित अधिकार है। डेमोक्रेटिक पार्टी और कई नागरिक अधिकार संगठनों ने इस आदेश को “मतदाता दमन” (Voter Suppression) का प्रयास करार दिया है, जिससे लाखों अमेरिकी मतदाताओं का पंजीकरण प्रभावित हो सकता है।

2024 चुनावों के बाद उठाया गया कदम

यह कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति ट्रंप के चुनावी प्रणाली में सुधार के लंबे समय से चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के बाद चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और बार-बार अमेरिका की मतदान प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत बताई थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश अमेरिका में चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल सकता है और इसे लेकर देशभर में राजनीतिक बहस तेज होने की संभावना है।

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