उत्तराखंडसामाजिक

ट्रेन के टॉयलेट में मिला बच्चा, मसीहा बनकर आया दून का मुस्लिम परिवार

यह बात सच है जिसका कोई नहीं होता, उसका खुदा होता है

देहरादून

करीब पांच माह का बच्चा ट्रेन के टॉयलेट की गंदगी में पड़ा खेल रहा था। इसी ट्रेन में सफर कर रहे परिवार की महिला सदस्य टॉयलेट गई तो वहां देखकर हैरान रह गई। परिवार बोला, अगर खुदा को यही मंजूर तो वे इसका लालन-पालन करने को तैयार है।

जिसका कोई नहीं होता, उसका खुदा होता है। कुछ ऐसी ही कहावत चरितार्थ हुई है पांच माह के एक बच्चे के साथ। दून के एक मुस्लिम परिवार को ट्रेन के टॉयलेट में लावारिस हालत में पड़ा मिला। बच्चे को वह अपने घर ले आए। अब उसके वारिस का इंतजार है।

जीएमएस रोड व्योमप्रस्थ निवासी फर्नीचर व्यवसायी फैयाज अहमद का परिवार रविवार को ट्रेन से ज्वालापुर से देहरादून लौट रहा था। इस बीच परिवार की महिला सदस्य टॉयलेट गई तो वहां देखकर हैरान रह गई। सामने एक बच्चा, जिसकी उम्र करीब पांच माह है, टॉयलेट की गंदगी में पड़ा खेल रहा था।

महिला ने पहले तो पूरे कोच में सभी यात्रियों से इसके माता-पिता के बारे में पूछा लेकिन कोई सामने नहीं आया। इस दौरान देहरादून स्टेशन भी आ गया। लिहाजा, बच्चे को ये परिवार घर ले आया। उसका उपचार कराया। साथ ही इंदिरानगर पुलिस चौकी में इसकी सूचना भी दे दी। अभी तक कोई वारिस सामने नहीं आया है।

फैयाज का कहना है कि वैसे तो उनके परिवार में कई बच्चे हैं लेकिन अगर खुदा ने इस बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। अ भी बच्चे का नाम नहीं रखा गया है। अगर कोई वारिस सामने आएगा तो पुलिस की मदद से जांच पड़ताल के बाद उसे सौंप देंगे।

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