
देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य प्रीतम सिंह ने संयुक्त प्रेस वार्ता में राज्य में आई आपदा और राहत राशि पर अपनी चिंता व्यक्त की।
प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में हालिया दैवीय आपदा ने जनहानि और आर्थिक क्षति दोनों ही उत्पन्न की हैं। प्रधानमंत्री के राज्य दौरे के दौरान राज्य सरकार ने 5702 करोड़ रुपये का नुकसान अनुमानित किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 1200 करोड़ रुपये की राहत राशि की घोषणा की, जो बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मलिन बस्तियों को उजाड़ने के लिए एलिवेटेड रोड जैसी परियोजनाएं चला रही है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 582 मलिन बस्तियों को चिन्हित कर उन्हें संरक्षण और मालिकाना हक देने का काम प्रगति पर था।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित राशि राज्यवासियों और आपदा प्रभावितों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ती आपदाओं पर केंद्र सरकार की राष्ट्रीय नीति की कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
रावत ने कहा कि राज्य में सड़क निर्माण और भूमि विस्थापन के तरीके आपदाओं के प्रभाव को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रभावितों के कर्ज माफ किए जाएं और उनकी आजीविका पुनर्जीवित की जाए।
उन्होंने मलिन बस्तियों के मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा लाया गया एलिवेटेड रोड अध्यादेश, पहले पारित कानून को खत्म नहीं कर सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मलिन बस्तियों के अधिकार सुरक्षित नहीं किए गए, तो कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन करने को तैयार है।