उत्तराखंडदेहरादून

पौड़ी–श्रीनगर एनएच पर दो टनल निर्माण से बदलेगा सफर: जनता से लिये जाएंगे सुझाव

प्रेमनगर–चोपडियूं और तिरपालीसैण–जल्लू बैंड मार्ग पर बनेंगी सुरंगें, यात्रा दूरी में आएगी बड़ी कमी

देहरादून: श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-309 (पौड़ी–श्रीनगर एनएच) पर दो महत्वपूर्ण टनलों के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। इन टनलों के बन जाने से न सिर्फ यात्रा दूरी में भारी कमी आएगी बल्कि क्षेत्र के कई गांव सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएंगे।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि टनलों के निर्माण से पहले स्थानीय जनता से जनसुझाव (Public Suggestions) लिए जाएंगे, ताकि परियोजना को और बेहतर स्वरूप दिया जा सके और भविष्य में किसी प्रकार की बाधा न आए।

दोनों टनलों से इतनी दूरी होगी कम

  • प्रेमनगर से चोपडियूं टनल — लगभग 19 किमी दूरी कम

  • तिरपालीसैण से जल्लू बैंड टनल — लगभग 10 किमी दूरी कम

टनलों के निर्माण के बाद क्षेत्रवासियों को तेज, सुरक्षित और सुगम यातायात का लाभ मिलेगा।

वनभूमि प्रकरणों के कारण रुके मार्ग — जल्द मिलेगी मंजूरी

डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विधानसभा क्षेत्र के लगभग डेढ़ दर्जन मोटरमार्ग जो वनभूमि प्रकरणों के कारण लंबित हैं, उन्हें एक पखवाड़े के भीतर निस्तारित किया जाए।

उन्होंने कहा कि कल्याणखाल–किमोज–डांडखिल–भैड़गांव, उपरैंखाल–भतपो, भरीक–पैठाणी, पैठाणी–इज्जर, कुआंखर्क, दुमलोट, सैंजी–उदलाखाल, और चुठाणी–चोपड्यूं सहित कई मार्गों पर वन स्वीकृति जल्दी दी जानी चाहिए।

लोक निर्माण विभाग को इन मार्गों की डीपीआर जल्द शासन को भेजने के निर्देश दिए गए।

संयुक्त समीक्षा बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट मंत्री ने श्रीनगर क्षेत्र की सड़क परियोजनाओं को लेकर
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और वन विभाग के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की।

बैठक में मौजूद अधिकारी:

  • सचिव वन सी. रवि शंकर

  • प्रमुख वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी एस.पी. सुबुद्धि

  • अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार

  • एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और वन विभाग के कई अधिकारी

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मजनी तोक वनभूमि विवाद — ग्रामीणों को नहीं किया जाएगा बेदखल: डॉ. रावत का आश्वासन

थलीसैंण विकासखण्ड के ग्रामसभा सौंठ के ग्रामीणों ने बैठक में बताया कि मजनी तोक में वे कई पीढ़ियों से रह रहे हैं, लेकिन वन विभाग द्वारा क्षेत्र को वनभूमि बताते हुए मकान खाली करने के नोटिस भेजे गए हैं।

ग्रामीणों ने इसे उत्पीड़न बताते हुए विरोध जताया।

डॉ. रावत ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि—

“किसी भी ग्रामीण को उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने वन विभाग को प्रकरण का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए और कहा कि ग्रामीणों को अनावश्यक परेशान ना किया जाए।

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