उत्तराखंड में ड्रग माफियाओं पर शिकंजा, 450 मेडिकल स्टोर और 65 फैक्ट्रियों पर छापेमारी

देहरादून | 11 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा के अनुरूप “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान को तेज़ गति देने के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) सक्रिय हो गया है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने मंगलवार को FDA मुख्यालय का औचक निरीक्षण कर विभागीय कार्यों की समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान विभागीय अधिकारियों ने अभियानों पर विस्तृत प्रेज़ेंटेशन प्रस्तुत किया। सचिव ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल नारा नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर चल रहा ठोस प्रयास है, जिसका उद्देश्य राज्य को सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त बनाना है।
450 से अधिक मेडिकल स्टोर और 65 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी
“ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अब तक 450 से अधिक मेडिकल स्टोर्स और 65 दवा निर्माण इकाइयों पर छापे मारे जा चुके हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों, खासकर नेपाल बॉर्डर पर निगरानी और तेज़ की गई है।
विभाग ने नकली दवाओं और नशीले पदार्थों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। कार्रवाई में पुलिस, STF और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय को भी मज़बूत किया गया है।
लैब और मोबाइल टेस्टिंग वैन से बढ़ी क्षमता
निरीक्षण के दौरान सचिव ने विभाग की फूड और कॉस्मेटिक लैब की व्यवस्थाओं का भी जायज़ा लिया। फिलहाल विभाग के पास तीन मोबाइल टेस्टिंग वैन हैं, और जल्द ही 10 नई आधुनिक मोबाइल वैन शामिल होने वाली हैं, जिनकी स्वीकृति भारत सरकार से मिल चुकी है।
देहरादून स्थित नई लैब में आधुनिक उपकरण जल्द लगाए जाएंगे, जिससे जांच प्रक्रिया और तेज़ और पारदर्शी बनेगी। इससे खासतौर पर गढ़वाल क्षेत्र के सैंपलों की जांच में तेजी आई है।
नए कदम: प्रवर्तन कार्यों को मिला संबल
बैठक के दौरान कई अहम निर्णय लिए गए:
18 नए औषधि निरीक्षकों को प्रवर्तन कार्यों के स्पष्ट लक्ष्य दिए गए।
विभागीय दस्तावेजों के रिकॉर्ड की एकरूपता सुनिश्चित की जाएगी।
न्यायालयों में लंबित मामलों की प्रभावी पैरवी पर ज़ोर दिया गया।
डिजिटल रिपॉज़िटरी और Coffee Table Book तैयार की जाएगी।
Repeated offenders पर सख़्त निगरानी रखी जाएगी।
सीमांत जिलों—चमोली, पिथौरागढ़ और चम्पावत—में प्रवर्तन और सर्विलांस को मज़बूत किया जाएगा।
अगले तीन महीने निर्णायक: सचिव
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अगले तीन महीने विभाग के लिए निर्णायक होंगे।
18 नए ड्रग इंस्पेक्टरों की तैनाती से फील्ड में कार्रवाई तेज़ हुई है।
अंतर्राज्यीय समन्वय को और मजबूत किया जाएगा।
औषधि विक्रेताओं के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की जांच कर डेटा तैयार किया जाएगा।
आधुनिक उपकरणों से लैस नई लैब से दवा व खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच में पारदर्शिता और गति आएगी।
निष्कर्ष:
“ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” को ज़मीनी स्तर पर साकार करने के लिए उत्तराखंड का FDA पूरी ताक़त के साथ जुटा है। अभियान की गंभीरता को देखते हुए आने वाले महीनों में राज्य में नकली दवाओं और नशे के खिलाफ और भी सख़्त कार्रवाइयां देखने को मिलेंगी।