ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग

ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग ने तेजी पकड़ ली है और पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से आए सरकारी कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया है।सोमवा को संसद में भी ओल्ड पेंशन स्कीम के बहाली को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछा गया।सरकार ने बताया कि उसे कई दफा ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने को लेकर अनुरोध पत्र मिलता रहा ह। पर सरकार ने साफ कर दिया कि एक जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त किए गए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है।
वित्त राज्यमंत्री ने कहा, सरकार को समय समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर अनुरोध पत्र मिलता रहा है। उन्होंने बताया, नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) को 22 दिसंबर 2003 को नोटिफिकेशन जारी कर लागू किया गया था। उसके बाद से सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस को बेहतर बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं। जिसमें पे + डीए को मिलाकर सरकार के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया। कर्मचारियों को पेंशन फंड चुनने का विकल्प दिया गय। सब्सक्राइबर्स को निवेश के पैटर्न का चुनाव करने, 2004-12 के बीच एनपीएस योगदान ना देने या भुगतान में देरी पर मुआवजा का प्रावधान किया गया। इलके अलावा एनपीएस में योगदान को इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में लाया गया।इसके अलावा एनपीएस से एग्जिट करने पर एकमुश्त रकम के विड्रॉल पर दिए जाने वाले टैक्स छूट की लिमिट को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया।पंकज चौधरी ने कहा वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है जो नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन के मुद्दे का अध्ययन कर रही है। ये कमिटी एनपीएस के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे पर गौर कर रही है। साथ ही ये देख रही कि क्या इसमें किसी प्रकार के बदलाव किए जाने की दरकार है। वित्त मंत्री से उन राज्यों की जानकारी मांगी गई जिन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल किया है तो वित्त राज्यमंत्री ने कहा राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार और पीएफआरडीए को अपने राज्यों के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन सिस्टम को फिर से अपनाये जाने की जानकारी दी है। हालांकि पंजाब सरकार ने बताया है कि एनपीएस के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों और सरकार के योगदान को देना जारी रख हुए है।