
देहरादून संभाग (जिसमें देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, रुड़की, हरिद्वार, टिहरी एवं उत्तरकाशी उप संभागीय परिवहन कार्यालय शामिल हैं) के अंतर्गत प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की गई। यह समीक्षा संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन एवं सड़क सुरक्षा), डॉ. अनीता चमोला द्वारा की गई।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अगस्त माह तक कुल 62,509 वाहनों के चालान किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% अधिक हैं। पिछले वर्ष यह संख्या 46,885 थी। इसी तरह, इस वर्ष 3,377 वाहन बंद किए गए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 2,712 थी, यानी 24% की वृद्धि दर्ज की गई।
इस वृद्धि के चलते प्रशमन शुल्क में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष ₹7.75 करोड़ के मुकाबले इस वर्ष ₹9.52 करोड़ प्रशमन शुल्क एकत्र हुआ, जो लगभग 22% अधिक है।
टिहरी में चालानों की संख्या में सर्वाधिक 144% वृद्धि दर्ज की गई। ऋषिकेश में बंद किए गए वाहनों की संख्या में 54.67% की वृद्धि, तथा प्रशमन शुल्क में 70% की वृद्धि हुई।

आगामी प्रवर्तन कार्यों के लिए दिए गए निर्देश:
सभी प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नशे में वाहन चलाने, नाबालिग चालकों, तथा बकाया वाले वाहनों के खिलाफ दिवसीय सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए।
लंबित चालान मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु नोटिस जारी करने, फोन पर सूचित करने, मौके पर नोटिस तामील कराने, तथा वाहनों को ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही की जाए।
जिन वाहनों के चालान लम्बित हैं और स्वामी द्वारा निस्तारण नहीं किया गया है, उन्हें सड़क पर संचालन की स्थिति में बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए परिवहन उप निरीक्षक/सहायक निरीक्षक स्तर पर सक्रिय कार्यवाही की जाए।
बकाया कर वाले वाहनों के विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए वाहनों को जब्त कर उनकी नीलामी की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से की जाए।