उत्तराखंड में विकराल हुई जंगल की आग, सेना ने संभाला मोर्चा
सीएम शनिवार को करेंगे हल्द्वानी में समीक्षा बैठ
नैनीताल।
उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं थम नहीं रही हैं। प्रदेश में सभी पर्वतीय जिलों के जंगल आग की चपेट में हैं। नैनीताल में भवाली रोड पर पाइंस के पास सड़क किनारे भड़की भीषण आग को बुझाने के लिए सेना ने मोर्चा संभाला है।
पाइंस के ऊपर की पहाड़ी लडि़याकांटा में एयरफोर्स स्टेशन है। ऐसे में आग पहाड़ी तक न पहुंचे और यदि बेकाबू हुई तो इस पर नियंत्रण के लिए वायु सेना का हेलीकाप्टर भी पहुंच गया है। जो जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार शनिवार सुबह से जंगलों की आग बुझाएगा।
सीएम आज हल्द्वानी में करेंगे समीक्षा बैठक
हेलीकॉप्टर में पानी भरने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नैनीताल के साथ ही नौकुचियाताल व भीमताल झील की अनुमति प्रदान की गई है। वहीं, शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हल्द्वानी पहुंच रहे हैं। वह यहां वानिकी प्रशिक्षण अकादमी (एफटीआइ) में जंगलों की आग व पेयजल संकट को लेकर समीक्षा बैठक लेंगे।
आग से आइटीआइ का खंडहर में तब्दील भवन जलकर राख
उत्तराखंड में अब तक आग की 575 घटनाओं में 689.89 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा की तैयारी के साथ ही जंगल की आग को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। आग की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे से ही नैनीताल जिले के गेठिया क्षेत्र के जंगलों की आग पाइंस तक पहुंच गई। आग से आइटीआइ का खंडहर में तब्दील भवन जलकर राख हो गया।
जवानों को मोर्चा संभालना पड़ा
हालात बेकाबू हुए तो आर्मी केंट के जवानों को मोर्चा संभालना पड़ा। जवानों ने पाइंस क्षेत्र में आग को बुझा लिया और आसपास के क्षेत्र में नियंत्रण का क्रम शाम तक जारी रहा। लडि़याकांटा क्षेत्र में वायु सेना स्टेशन है। वायु सेना के जवान भी क्षेत्र में आग बुझाने में जुटे रहे। साथ ही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हेलीकाप्टर भी उतार दिया गया है।
झील में नौकायन भी बंद करवा दिया गया
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि वायु सेना के इलाहाबाद कमांड के अधिकारियों से उनकी वार्ता हुई। इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे से संपर्क किया। जिलाधिकारी वंदना ने पालिका के अधिशासी अधिकारी राहुल आनंद को हेलीकाप्टर को झीलों से पानी की अनुमति से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए। मल्लीताल बोट स्टैंड से पानी भरने की सूचना पर झील में नौकायन भी बंद करवा दिया गया। यद्यपि हेलीकाप्टर यहां झील के ऊपर मंडराने के बाद भीमताल की ओर चला गया। भीमताल व नौकुचियाताल झील के ऊपर भी हेलीकाप्टर ने ट्रायल किया।