अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान की समीक्षा, किसानों को शीघ्र मुआवजा दिलाने के निर्देश

देहरादून : उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को अपने कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हाल की अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा करना था।
बैठक के दौरान कृषि मंत्री जोशी ने विभागीय अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत स्थिति की जानकारी ली और इस बात पर जोर दिया कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फसलों के नुकसान का नियमित सर्वेक्षण किया जाए और प्रतिदिन की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए।
मंत्री जोशी ने इस बात पर विशेष बल दिया कि भारत सरकार के निर्धारित मानकों के अनुसार शीघ्र कागजी कार्यवाही पूरी कर किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाए, ताकि आपदा से प्रभावित कृषकों को तुरंत राहत मिल सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि भारत सरकार की ओर से तय मानकों के अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से भी किसानों को उनकी फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। इस संबंध में कृषि मंत्री ने अधिकारियों को शीघ्र आंकलन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण कृषि भूमि में सिंचित और असिंचित मिलाकर लगभग 28 हैक्टेयर क्षेत्रफल में नुकसान हुआ है। वहीं उद्यान क्षेत्र में 4800 हैक्टेयर में फसलों को क्षति पहुंची है। अधिकारियों ने बताया कि यह क्षति का क्षेत्रफल भारत सरकार के आपदा के मानकों के अनुसार 33 प्रतिशत से अधिक है, जो मुआवजा वितरण की श्रेणी में आता है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि परमाराम, बागवानी मिशन के महेंद्र पाल, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री जोशी ने सभी अधिकारियों से कहा कि किसानों की परेशानियों को कम करने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए जाएं।