Uncategorizedउत्तराखंडदेहरादून

धराली आपदा पर सरकार के दावे जमीनी हकीकत से दूर

05 दिसम्बर 2025: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व अध्यक्ष एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में धराली पहुँचा और वहाँ की वास्तविक स्थिति का आकलन किया। पार्टी का दावा है कि धराली की जमीनी हकीकत राज्य सरकार के दावों से बिल्कुल विपरीत है।

देहरादून स्थित राजीव भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने धराली में देखी गई स्थिति का विस्तार से विवरण साझा किया।

सरकारी आंकड़ों में विरोधाभास – कांग्रेस का आरोप

गणेश गोदियाल ने कहा कि धराली आपदा के मृतकों की संख्या को लेकर सरकार के बयान परस्पर विरोधाभासी हैं।

  • आपदा प्रबंधन विभाग ने 67 लोगों को मृत या लापता बताया।
  • दायित्वधारी मंत्री ने 147 लोगों के मलबे में दबे होने की बात कही।
  • नवीन सरकारी स्पष्टीकरण में केवल 52 लोगों को मृत या गायब बताया जा रहा है।

कांग्रेस का कहना है कि सरकार स्पष्ट और पारदर्शी जानकारी जनता, विपक्ष और मीडिया के सामने रखे।

चार माह बाद भी पुनर्वास में शून्य प्रगति

प्रतिनिधिमंडल के अनुसार आपदा के चार महीने बाद भी धराली में पुनर्वास, पुनर्निर्माण, विस्थापन, राहत कार्य और जनजीवन को सामान्य करने की कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि:

  • 250 नाली जमीन पूरी तरह क्षतिग्रस्त
  • 112 आवासीय मकान और लगभग 70 होटल/रिसॉर्ट/होमस्टे प्रभावित
  • सरकारी मुआवजा बेहद सीमित
  • कई शव अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका
  • प्रशासन व सरकारी एजेंसियां मौके से नदारद

नेताओं ने कहा कि लोग अपने खर्च पर मलबा हटाने और सामान निकालने को मजबूर हैं।

मानसिक दबाव में आत्महत्या, बाजार नष्ट, उत्पादन प्रभावित

कांग्रेस ने बताया कि आपदा से प्रभावित एक महिला ने मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर ली। स्थानीय बाजार पूरी तरह नष्ट होने से सेब, राजमा और आलू जैसे उत्पादों का विपणन रुक गया है।

112 लोगों को 5–5 लाख की सहायता दी गई, पर 38 लोगों को यह कहते हुए वंचित कर दिया गया कि उनके मकान “पूरी तरह नष्ट” नहीं हुए—जबकि वास्तविक स्थिति इसके विपरीत है।

जैमर लगाने का आरोप

कांग्रेस ने दावा किया कि विपक्ष के दौरे के दौरान क्षेत्र में जैमर लगाकर नेटवर्क बाधित कर दिया गया ताकि स्थितियों का लाइव प्रसारण न हो सके।

मुखबा के ग्रामीणों का पंचायत चुनाव में बहिष्कार

मुखबा क्षेत्र के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है। कांग्रेस इसे सरकार के प्रति नाराज़गी का बड़ा संकेत मानती है। इसी क्षेत्र से प्रधानमंत्री ने ‘घाम तापों’ योजना की घोषणा की थी, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि उसका कोई लाभ जमीनी स्तर पर नहीं पहुंचा।

केदारनाथ आपदा मॉडल लागू करने की मांग

कांग्रेस ने कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान कांग्रेस सरकार ने ‘स्व-आकलन मॉडल’ लागू कर मुआवजा दिया था। धराली में भी वही मॉडल लागू किया जाना चाहिए।
गणेश गोदियाल ने पूछा कि यदि केदारनाथ में स्व-आंकलन स्वीकार किया जा सकता है तो धराली में क्यों नहीं?

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

कांग्रेस ने राज्य सरकार से निम्न मांगें रखीं—

  • धराली के पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज घोषित किया जाए
  • न्यूनतम मुआवजा 50 लाख किया जाए
  • आवासीय व व्यावसायिक पुनर्वास सहित पुनर्निर्माण की ठोस योजना बने
  • लापता लोगों की खोज के लिए विशेष अभियान
  • रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल की जाए
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और संचार व्यवस्था बहाल की जाए

केंद्र से राहत पैकेज न मिलने का भी आरोप

करन माहरा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1200 करोड़ रुपये के आपदा राहत पैकेज में से अब तक एक भी रुपये की रिहाई नहीं हुई है और राज्य सरकार इस दिशा में प्रयासहीन दिखाई देती है।

कांग्रेस ने कहा है कि वह धराली के हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और तब तक संघर्ष करेगी जब तक धराली फिर से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाता। प्रेसवार्ता में गरिमा मेहरा दसौनी भी मौजूद रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button