
हरिद्वार: आखिरकार 17 दिनों के इंतज़ार के बाद हरकी पैड़ी पर गंगाजी की धारा पुनः प्रवाहित हो गई है। मंगलवार सुबह श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए भरपूर जल मिलने से श्रद्धा और उल्लास का माहौल देखने को मिला। गंगा जल आते ही हरकी पैड़ी पर गंगाभक्ति और जयघोष के स्वर गूंज उठे।
गंगा में डुबकी लगाने के लिए सुबह-सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में हरकी पैड़ी पहुंचे। जल प्रवाह शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने गंगा आरती और स्नान कर पुण्य अर्जित किया।
गौरतलब है कि दो अक्तूबर को दशहरा की मध्य रात्रि से ऊपरी गंगनहर की वार्षिक बंदी की गई थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा गंगनहर की सफाई, गेटों की मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जा रहे थे। गंगनहर बंदी के चलते हरकी पैड़ी क्षेत्र में गंगा जल का प्रवाह अस्थायी रूप से रुक गया था, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए असुविधा का सामना करना पड़ रहा था।
मरम्मती कार्य पूरे होने के बाद अब गंगनहर में जल प्रवाह बहाल कर दिया गया है। इसके साथ ही हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर फिर से जीवन लौट आया है। घाटों पर गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि गंगाजी के बिना हरिद्वार अधूरा लगता था।
स्थानीय दुकानदारों और पुजारियों ने भी राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि गंगा जल लौटने से न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ी है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और धार्मिक गतिविधियों में भी रौनक लौट आई है।