
देहरादून 29 सितम्बर 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला लगातार सुर्खियों में है। 21 सितम्बर को हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र के तीन पन्ने लीक होकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसके बाद से युवा धरने पर बैठ गए और सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहे।
सीएम धामी पहुंचे धरना स्थल
आठ दिनों से चल रहे आंदोलन के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद युवाओं से मिलने पहुंचे। उन्होंने परीक्षा से जुड़े हर कदम की जानकारी दी और सीबीआई जांच की संस्तुति करने का ऐलान किया।
सीएम ने कहा कि परीक्षा में शामिल छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसके लिए छात्रों से नामों की सूची देने को कहा गया है।
अब तक की कार्रवाई
सरकार ने सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, एक दरोगा और एक सिपाही को निलंबित किया है।
जांच में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन की भूमिका पेपर सॉल्वर के रूप में सामने आई है।
जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने भी पहले युवाओं से संवाद किया था, लेकिन वे सीबीआई जांच पर अड़े रहे।
UKSSSC पेपर लीक मामले पर आखिरकार युवाओं की जीत…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद परेड ग्राउंड पहुंचे और आंदोलनरत युवाओं के बीच जाकर CBI जांच की घोषणा की।
युवाओं की लगातार जद्दोजहद, आवाज़ और जनदबाव से ही सरकार को यह बड़ा कदम उठाना पड़ा।
अब असली चुनौती है — क्या दोषियों को… pic.twitter.com/M07OdlBvdl
— Shubham Singh Yadav (@ShubhamYadav645) September 29, 2025
एकल सदस्यीय आयोग गठित
प्रदेश सरकार ने पेपर लीक की गहन जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग बनाया है। नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी आयोग के अध्यक्ष होंगे। यह आयोग SIT की रिपोर्ट का संज्ञान लेकर आगे दिशा-निर्देश देगा।