उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

गौरीकुंड से 1709 घोड़ा-खच्चर पहुंचे केदारनाथ, यात्रियों और संचालकों ने ली राहत की सांस

केदारनाथ यात्रा में एक बार फिर रफ्तार लौटती नजर आ रही है। लगभग एक सप्ताह के अंतराल के बाद रविवार को गौरीकुंड से 1709 घोड़ा-खच्चरों का संचालन किया गया, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली। सुबह 6 बजे से ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की चहल-पहल शुरू हो गई थी।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष रावत और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक लीलाधर बिष्ट के निर्देशन में पशु चिकित्सकों की टीम ने घोड़ा-खच्चरों की पूरी जांच की। जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली और बेस कैंप सहित विभिन्न पड़ावों पर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जांच के बाद स्वस्थ घोषित किए गए 1709 घोड़ा-खच्चर केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए।

पशु चिकित्सकों की सतर्कता के साथ म्यूल टॉस्क फोर्स भी मार्ग पर तैनात रही, जिससे संचालन पूरी तरह सुचारु और सुरक्षित रहा। इस दौरान 25 खच्चरों के माध्यम से राशन, सब्जी और अन्य जरूरी सामग्री भी धाम तक पहुंचाई गई।

पशु संचालक राकेश गोस्वामी और मनोज सेमवाल ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा की वजह से कुछ दिनों तक संचालन बाधित रहा, लेकिन अब हालात सुधरने लगे हैं। इससे न केवल उनकी आजीविका फिर से पटरी पर लौटेगी, बल्कि यात्रियों को भी सुविधाएं मिलेंगी।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रावत ने बताया कि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा का प्रभाव अब कम हो रहा है और बीमार पशुओं के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है।

यात्रा मार्ग पर पशु सुविधाओं की बहाली और बढ़ती आवाजाही के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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