
देहरादून: दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में पिछले दो दशकों से कार्यरत हर्षल फाउंडेशन ने एक और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। फाउंडेशन ने अब दिव्यांगजनों को एलईडी लाइट बनाने का प्रशिक्षण देना आरंभ किया है, जिससे वे स्वरोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें।
संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को एलईडी लाइट निर्माण से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि कैसे वे इस कौशल को अपना व्यवसाय बना सकते हैं। संस्था ने न केवल प्रशिक्षण देने, बल्कि उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार में बेचने की जिम्मेदारी भी ली है, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित हो सके।
हर्षल फाउंडेशन की ट्रस्टी सचिव डॉ. रमा गोयल ने इस अवसर पर कहा, “हमारा हमेशा से यही प्रयास रहा है कि किस तरीके से दिव्यांगजनों को अपने पैरों पर खड़ा कर स्वावलंबी बनाया जाए। पिछले कुछ वर्षों में हमारे कई प्रशिक्षित दिव्यांगजनों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां भी मिली हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।”
कार्यक्रम में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. जैनेंद्र कुमार, रिहैबिलिटेशन ऑफिसर संतोष कुमार, वोकेशनल इंस्ट्रक्टर संजीव जोशी और ट्रेनर रिश्ता कौर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
फाउंडेशन के इस प्रयास से न केवल दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि समाज में उनका सम्मान भी बढ़ेगा। संस्था के अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में और भी व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगजन आत्मनिर्भर बन सकें।