उत्तराखंडदेहरादून

उत्तराखंड में ‘कचरे से काला सोना’ परियोजना संकट में, NTPC ने हटाया हाथ — भविष्य अनिश्चित

उत्तराखंड में ठोस कचरे से ‘काला सोना’ यानी वैकल्पिक ईंधन (Refuse-Derived Fuel – RDF) तैयार करने की महत्त्वाकांक्षी परियोजना अब संकट में दिखाई दे रही है। राज्य सरकार द्वारा कई महीनों से प्रमोट की जा रही यह योजना, एनटीपीसी के पीछे हटने के बाद अधर में लटक गई है।

एनटीपीसी ने परियोजना से हाथ खींचे

सूत्रों के अनुसार, NTPC ने तकनीकी और परिचालन कारणों का हवाला देते हुए परियोजना में आगे भागीदारी से इंकार कर दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने पुनः अनुमति और सहयोग के लिए एनटीपीसी को पत्र भेजा है।

सरकार का कहना है कि प्रोजेक्ट तभी आगे बढ़ सकेगा जब एनटीपीसी अपनी स्वीकृति फिर से प्रदान करेगा, क्योंकि प्लांट के संचालन में उनकी तकनीकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

परियोजना का उद्देश्य

यह योजना शहरी कचरे से ऊर्जा उपयोग योग्य ‘काला सोना’ तैयार करने पर आधारित थी। इसके जरिए:

बढ़ते ठोस कचरे की समस्या का समाधान

लैंडफिल पर भार कम करना

शहरों में स्वच्छता स्तर बढ़ाना

जैसे प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गए थे।

राज्य के लिए बड़ा झटका

एनटीपीसी के पीछे हटने से:

परियोजना की टाइमलाइन प्रभावित होने की आशंका है

वित्तीय ढांचे पर दबाव बढ़ सकता है

तकनीकी साझेदारी में बाधा आने से प्रोजेक्ट का मॉडल दोबारा तैयार करना पड़ सकता है

अधिकारियों के अनुसार, यदि एनटीपीसी अनुमति नहीं देता, तो परियोजना को नए साझेदार की तलाश करनी होगी, जिससे इसकी गति और भी धीमी हो सकती है।

भविष्य अनिश्चित, सरकार कर रही कोशिशें

वर्तमान स्थिति में परियोजना का भविष्य अनिश्चित माना जा रहा है। हालांकि, संबंधित विभाग इस परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

सरकार का कहना है कि यह योजना उत्तराखंड के शहरी विकास और कचरा प्रबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसके लिए हर संभव विकल्प पर विचार जारी रहेगा।

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