यूपीसीएल जूनियर इंजीनियरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट सख्त, हड़ताली संगठन और देहरादून डीएम को भेजा नोटिस

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) सहित तीनों विद्युत निगमों के जूनियर इंजीनियरों की हड़ताल के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हड़ताली संगठन को नोटिस जारी किया है। साथ ही देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल को निर्देश दिए गए हैं कि वे हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता कर इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब अदालत में प्रस्तुत करें।
दरअसल, देहरादून निवासी हरसुल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड के तीनों विद्युत निगमों—यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और यूपीटीसीएल —के जूनियर इंजीनियर 5 जून 2025 से हड़ताल पर हैं। गर्मी के इस भीषण दौर में जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे अस्पताल, स्कूल, घर और जलापूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान मार्गों में रोशनी न होने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हाईकोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दे कि हड़ताल शीघ्र समाप्त करवाई जाए ताकि आम नागरिकों की परेशानियां कम हो सकें। जूनियर इंजीनियरों की प्रमुख मांगों में वरिष्ठता सूची में विसंगतियों को दूर करना, निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध, सेवा शर्तों में सुधार और उचित वेतनमान शामिल हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बिजली व्यवस्था तीन निगमों द्वारा संचालित की जाती है—यूपीसीएल बिजली वितरण व बिक्री के लिए, यूजेवीएनएल जलविद्युत परियोजनाओं के संचालन के लिए और यूपीटीसीएल ट्रांसमिशन लाइनों के संचालन के लिए जिम्मेदार है। अब हाईकोर्ट की सख्ती के बाद इस हड़ताल पर समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।