
हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में ड्रग तस्करी से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि मादक पदार्थ तस्कर अब गांजा डिलीवरी के लिए बुजुर्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि पुलिस की निगरानी से बचा जा सके।
हाल ही में 70 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया गया है, जो सब्जी के थैले में छिपाकर गांजा ले जा रही थी। पुलिस के अनुसार, यह महिला हर महीने लाखों रुपये की ड्रग्स की डिलीवरी कर रही थी। स्थानीय लोगों की सतर्कता और सूचना के आधार पर पुलिस ने महिला पर नज़र रखी और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
जांच में यह भी सामने आया कि महिला के बैंक खाते में बड़ी मात्रा में लेन-देन हुआ है, जिससे पता चलता है कि वह इस अवैध व्यापार में गहराई से शामिल थी।
जैसे-जैसे सरकार और एजेंसियां ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही हैं, तस्कर भी अपनी रणनीति बदल रहे हैं। अब वे ऐसे बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहे हैं जो अकेले रहते हैं और पारिवारिक सहारा नहीं है। इन्हें मामूली कमीशन और शराब जैसी चीज़ों के बदले इस्तेमाल किया जा रहा है।
हैदराबाद नारकोटिक्स ब्यूरो (HNB) और तेलंगाना एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो (TNAB) ने इन नेटवर्क्स का भंडाफोड़ करने के लिए अपने अभियान तेज कर दिए हैं। हाल ही में ‘ओशन गांजा नेटवर्क’ का भी पर्दाफाश किया गया, जो थाईलैंड से समुद्री रास्तों से भारत में मादक पदार्थ लाता था। इस नेटवर्क के ग्राहक आईटी पेशेवरों, बड़ी कंपनियों के सीईओ, और डॉक्टरों जैसे हाई-प्रोफाइल लोग थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ड्रग नेटवर्क देश के विभिन्न प्रमुख शहरों में गांजा की सप्लाई करता था। तस्कर पुलिस की नज़रों से बचने के लिए बुजुर्गों के जरिए डिलीवरी करा रहे हैं और इन बुजुर्गों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपने लोगों को तैनात करते हैं।
पुलिस के अनुसार, पहले महिला और बच्चों का इस्तेमाल कूरियर के तौर पर किया जाता था, लेकिन अब तस्कर बुजुर्गों को इस काम में झोंक रहे हैं ताकि उन पर शक न हो। पुलिस अब इन मामलों पर गंभीरता से ध्यान दे रही है और ड्रग नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है।