मौसम

हिमाचल प्रदेश: भारी बारिश का कहर, रामपुर में बादल फटा

चार जिलों में रेड अलर्ट, स्कूल-कॉलेज बंद

शिमला:  हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही मचाई है। भारी बारिश के कारण रामपुर में फटा बादल , जबकि प्रदेश के चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम की मार से राज्य में यातायात व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो गई है।

रामपुर उपमंडल के सरपारा पंचायत क्षेत्र में सोमवार रात करीब दो बजे बादल फटने की घटना हुई है। सिकासेरी गटूला में इस प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ है। राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का पूरा घर – दो कुटार, एक कमरा, एक रसोई सहित सारा सामान मलबे में दब गया है। इसके अलावा विनोद कुमार का एक खूड़ और एक गाय, तथा गोपाल सिंह का एक खूड़ और गाय बाढ़ में बह गए हैं।

बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई है। तहसीलदार रामपुर ने राजस्व टीम को मौके पर भेजा है, जो नुकसान का आंकलन कर रही है। नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार 30 जून को कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है। 5 जुलाई तक पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट जारी रहेगा।

रेड अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चारों प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को सोमवार को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। खराब मौसम के कारण मनाली और बंजार उपमंडल में भी सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। सिरमौर और कांगड़ा जिलों में भी सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

शनिवार रात से रविवार तक निरंतर बारिश के कारण प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 129 से अधिक सड़कें बाधित हो गईं। कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से रविवार को सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। पहाड़ी से गिरे मलबे और पत्थरों से कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक भी प्रभावित हुआ, जिससे चार ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।

भारी बारिश के कारण प्रदेश में 612 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। इससे बिजली आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। साथ ही छह पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे पानी की समस्या उत्पन्न हुई है।सिरमौर के चिलोन के पास पांच घंटे तक पावंटा-शिलाई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। नाहन-कुमारहट्टी मार्ग के साथ-साथ कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग भी चक्कीमोड़ में पहाड़ियों से गिरे पत्थरों के कारण प्रभावित रहा।

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