
देहरादून, 2 नवंबर: देहरादून में रविवार को भगवान घंटाकर्ण के भक्तों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें उत्तराखंड राज्य के सभी घंटाकर्ण मंदिरों को एकजुट कर आगामी जनवरी माह में एक भव्य घंटाकर्ण कथा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह आयोजन राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।
बैठक में यह तय किया गया कि 15 नवंबर के आसपास देहरादून में एक व्यापक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से घंटाकर्ण मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में जनवरी में होने वाली कथा के आयोजन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं—जैसे स्थल चयन, संचालन व्यवस्था, सहयोगी टीमें, प्रचार-प्रसार और भक्तों की भागीदारी—पर विस्तार से चर्चा कर कार्ययोजना तय की जाएगी।
भक्तों की आस्था और संगठन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक संचालन समिति का गठन किया गया। समिति में सुशांत गैरोला को अध्यक्ष, प्रशांत नौटियाल को उपाध्यक्ष, शौर्य गैरोला को सचिव, वैभव खंडूरी को उपसचिव तथा दीपक बिजल्वाण को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
बैठक में वरिष्ठ भक्त और समाजसेवी बुद्धि सिंह रावत, हरीश बिजल्वाण, अनिरुद्ध सजवाण, महेश बिजल्वाण, सुधीर बिजल्वाण, आशीष नौटियाल, राहुल सजवाण और अमित बडोनी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर भगवान घंटाकर्ण की महिमा को जन-जन तक पहुँचाने और उत्तराखंड की परंपरा को नई पहचान देने का संकल्प लिया।
वक्ताओं ने कहा कि भगवान घंटाकर्ण की कथा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में एकता, सहयोग और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक है। आगामी आयोजन से उत्तराखंड की लोक संस्कृति और धार्मिक भावना को एक नया आयाम मिलेगा।
अंत में समिति सदस्यों ने सभी भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने और इस पवित्र आयोजन को सफल बनाने का आह्वान किया।