उत्तराखंडदेहरादून

विकास कार्यों में वन भूमि की बाधाओं को दूर करने के निर्देश: सतपाल महाराज

देहरादून: प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में वन भूमि के कारण विकास कार्यों में आ रही रुकावटों को लेकर लोक निर्माण, सिंचाई, पर्यटन, पीएमजीएसवाई एवं वन विभाग की “समन्वय समिति” की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने और वन संरक्षण अधिनियम के कारण होने वाली रुकावटों को दूर करने के निर्देश दिए गए।

मंत्री महाराज ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को सड़कों के समरेखण में भूस्खलन की संभावना को ध्यान में रखते हुए मार्ग का चयन करना चाहिए। उन्होंने वन भूमि के कारण रुके हुए पौड़ी जिले के कुण्जखाल-कोलाखाल से गौखण्ड-रिकडेरा-पाटल्यूं सहित छह मोटर मार्गों के निर्माण हेतु वन विभाग से शीघ्र स्वीकृति लेने का निर्देश दिया।

बैठक में वन विभाग को निर्देश दिए गए कि देहरादून (पुरुकुल गांव) से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक रोपवे परियोजना के लोअर टर्मिनल पॉइंट के लिए भूमि हस्तांतरण प्रस्ताव की तत्काल स्वीकृति दी जाए। इसके अलावा, जागेश्वर धाम डेस्टिनेशन प्लान के अंतर्गत अपर लेवल और लोअर लेवल पार्किंग, बसेरा, शॉप, चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग गेट के निर्माण हेतु चिन्हित सिविल भूमि को वन पंचायत से मुक्त किया जाए।

उत्तरकाशी जिले के सीमांत ग्राम जादूंग में पर्यटक ग्राम के प्रवेश द्वार और चेक पोस्ट निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई तुरंत अमल में लाई जाए। नैनीताल जिले में निर्माणाधीन जमरानी बांध से पोषित हरिपुरा नहर के समरेखण में आने वाले वृक्षों के पातन संबंधी अनुमति की जानकारी वन विभाग से मांगी गई ताकि सिंचाई के लिए जल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

पर्यटन विभाग को महासू देवता मंदिर, हनोल गंतव्य मास्टर प्लान के अंतर्गत रिवन फ्रंट, सुरक्षा दीवार और घाट निर्माण हेतु सिंचाई विभाग से तत्काल डीपीआर उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए।

मंत्री ने पौड़ी जिले के ऐकेश्वर ब्लॉक के ग्राम कुंलडीधार में बाघ द्वारा हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को अधिक से अधिक पिंजरे लगाने के निर्देश दिए।

बैठक में पीसीएफ एवं नोडल, एस.पी. सुबुद्धि, सीसीएफ इको टूरिज्म पी.के. पात्रो, लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव विनीत कुमार, बी.एल. राणा और पर्यटन, सिंचाई एवं वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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