
देहरादून: दीपावली नजदीक है, और इसी के साथ दून की हवा में फिर से बढ़ते प्रदूषण की चिंता भी गहराने लगी है। पिछले वर्ष दीपावली के दौरान देहरादून का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इस बार हालात न बिगड़ें, इसके लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विशेष निगरानी अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है।
बोर्ड 13 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक लगातार 24 घंटे वायु और ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करेगा। यह निगरानी देहरादून में दो स्थानों पर, जबकि ऋषिकेश और टिहरी में एक-एक स्थल पर की जाएगी। इसका उद्देश्य दीपावली से पहले और बाद में वायु गुणवत्ता में आने वाले बदलावों का वैज्ञानिक मूल्यांकन करना है।
पर्यावरण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, दीपावली पर पटाखों के अत्यधिक प्रयोग, वाहनों की आवाजाही और निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल-मिट्टी के कारण दून की हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वर्तमान में शहर का AQI मध्यम स्तर पर है, लेकिन वाहनों और निर्माण स्थलों से निकलने वाला धुआं और धूल इसे खराब श्रेणी में धकेल सकता है।
ध्वनि प्रदूषण पर भी निगरानी रखी जाएगी। दीपावली के दौरान पटाखों और लाउडस्पीकरों के अत्यधिक उपयोग से शोर स्तर कई गुना बढ़ जाता है, इसलिए बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण पर भी विशेष टीमों को नियुक्त किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि देहरादून एक घाटी क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहां प्रदूषित हवा को बाहर निकलने में अधिक समय लगता है। ऐसे में नागरिकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे दीपावली पर पर्यावरण मित्र उत्सव मनाएं और कम से कम पटाखों का उपयोग करें।