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आईपीएल 2025: मयंक यादव फिर हुए चोटिल, शेष टूर्नामेंट से बाहर; एनसीए और बीसीसीआई पर उठ रहे सवाल

मुंबई : तेज गेंदबाज मयंक यादव एक बार फिर पीठ की चोट के कारण आईपीएल 2025 के शेष मैचों से बाहर हो गए हैं। आईपीएल की आधिकारिक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है, “मयंक यादव को पीठ में चोट लगी है और वह बचे सत्र से बाहर हो गए हैं।” उनकी जगह न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज विलियम ओ रुर्के लखनऊ सुपर जाएंट्स टीम से जुड़ेंगे।लीग के रोके जाने से पहले एलएसजी ने राहत महसूस की थी कि उनके सभी खिलाड़ी फिट हैं, लेकिन अब यह उम्मीद टूट गई है। बीसीसीआई के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (पूर्व में एनसीए) द्वारा मयंक को फिटनेस सर्टिफिकेट दिए जाने पर प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच सवाल उठने लगे हैं।zसेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में छह महीने के रिहैबिलिटेशन के बाद वापसी करने वाले मयंक ने इस सीजन केवल दो मैच खेले, जिनमें आठ ओवरों में 100 रन देकर मात्र दो विकेट हासिल किए। उन्हें सीओई से फिटनेस प्रमाण पत्र मिलने के बाद 16 अप्रैल को लखनऊ की टीम से जोड़ा गया था। इसके बाद उन्होंने 27 अप्रैल को मुंबई इंडियंस और 4 मई को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच खेला था।

मयंक की गेंदबाजी मेंगिरावट देखी गई 

उल्लेखनीय है कि इस सीजन में मयंक की गेंदबाजी गति में लगभग 15 किमी प्रति घंटे की गिरावट देखी गई और उनके गेंदबाजी एक्शन में भी बदलाव नजर आया। पिछले 13 महीनों में उन्होंने केवल नौ टी20 मैच खेले हैं और इस अवधि में तीन बार पीठ की चोट से जूझना पड़ा है।एक पूर्व ‘स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग ट्रेनर’ ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए कहा, “अब जब नितिन पटेल चले गए हैं तो यह पता नहीं कि मयंक के रिहैबिलिटेशन के बारे में किससे पूछा जाए। सवाल यह है कि क्या उन्हें समय से पहले फिट होने का प्रमाण पत्र दिया गया था, बिना यह सुनिश्चित किए कि उनकी पीठ की चोट दो मैचों के भीतर फिर से उभर सकती है?”

मयंक की उम्र अभी केवल 22 वर्ष है और उनके सामने क्रिकेट के कई साल हैं, लेकिन बार-बार चोटिल होने के कारण चयन समिति का उन पर से भरोसा कम हो सकता है। वर्तमान में उनके पास बीसीसीआई का तेज गेंदबाजी अनुबंध है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें विदेशी विशेषज्ञों से सलाह लेने की आवश्यकता हो सकती है।यह ध्यान देने योग्य है कि पहले भी कई वरिष्ठ खिलाड़ी और कोच एनसीए की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से लेकर पूर्व कोच राहुल द्रविड़ तक ने चिंता जताई है कि अधूरी फिटनेस वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में शामिल करना उचित नहीं है।

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