
देहरादून, 15 सितंबर 2025: लखवाड़ व्यासी, त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना, आराकोट त्यूनी जल परियोजना कटापत्थर बैराज और लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों को अब नैनबाग टिहरी प्रभावितों की तर्ज पर तीन गुना मुआवजा मिलेगा। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन ने अनुमोदन प्रदान कर शासनादेश जारी कर दिया है।
बैठक और प्रस्ताव का विवरण
जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रभावित ग्रामीणों की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किया गया था। ग्रामीणों ने आपत्ति जताई थी कि देहरादून जनपद के जनजातीय क्षेत्रों में अधिग्रहण की दर टिहरी जनपद से काफी कम है। इसके बाद प्रशासन ने दरों की समीक्षा कर समानता लाने के लिए समिति का गठन किया। समिति में उप जिलाधिकारी कालसी की अध्यक्षता में प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल के प्रतिनिधि और संबंधित सब-रजिस्ट्रार को सदस्य नामित किया गया। शासन ने इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है।
किन गांवों को मिलेगा लाभ
इस निर्णय से धनपो, लखवाड़, लकस्यार, खुन्ना अलमान, लुधेरा, खाती, दाऊ, ऊभौ और सरयाना गांवों के प्रभावित परिवारों को लाभ मिलेगा।
जिलाधिकारी का बयान
डीएम सविन बंसल ने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसे मंजूरी मिलने से प्रभावित परिवारों को न्याय और आर्थिक संबल मिलेगा। इससे पुनर्वास कार्यों में तेजी आएगी और परियोजना कार्यान्वयन भी गति पकड़ेगा।
परियोजनाओं की स्थिति
लखवाड़ जल विद्युत परियोजना: इसमें 45.317 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। कुल 30.34 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि स्वीकृत है, जिसमें से 19.27 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं और 17.85 करोड़ रुपये प्रभावितों को वितरित किए जा चुके हैं।
त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना: इसमें ग्राम पंचायत रायगी की 3.122 हेक्टेयर और बृनाड बास्तील की 2.877 हेक्टेयर मिलाकर कुल 5.999 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। सर्वेक्षण और मूल्यांकन के बाद अनुग्रह राशि का वितरण शुरू किया जाएगा।
महत्व
लखवाड़ परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण जल विद्युत और सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इससे 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका लाभ उत्तराखंड समेत 6 राज्यों—उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली—को मिलेगा।