गौहन्ना डॉट कॉम पुस्तक विमोचन समारोह में साहित्य जगत की प्रशंसा

देहरादून : प्लीजेंट ट्री होटल सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने पीसीएस अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र की पुस्तक “गौहन्ना डॉट कॉम” का विमोचन किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार ने लेखक की रचनाधर्मिता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि लोकजीवन के बिना साहित्य अधूरा है और हिंदी साहित्य में लोकजीवन तथा उस पर आधारित साहित्य के महत्व को रेखांकित किया।
प्रोफेसर डॉ सुधा रानी पांडे ने वेदों और उपनिषदों का संदर्भ देते हुए संस्मरण साहित्य को प्राचीन परंपरा बताया और लेखक के इस प्रयास को एक अभिनव प्रयोग की संज्ञा दी। उन्होंने अवधी, ब्रज और हिंदी भाषा की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए पुस्तक की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल ने तुलसी की रामचरितमानस से तुलना करते हुए इस कृति को हृदय से निकला उद्गार बताया।
सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ नितिन उपाध्याय ने अपने भावनात्मक अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुस्तक पढ़ते समय उन्हें ऐसा लगा जैसे कोई मधुर संगीत साथ-साथ बज रहा हो। उन्होंने कहा कि जितना वे इसे पढ़ते हैं, उतना ही इसके अंदर समाते जाते हैं और यह उन्हें अपनी कहानी सी लगती है। साहित्यकार और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बदलते समय में नवसाहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए लेखक को बधाई दी।
हरिद्वार से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार रमन जी ने कृति के कुछ अंश पढ़कर अपनी अभिभूति व्यक्त की और काव्यपाठ भी प्रस्तुत किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यकार डॉ देवी प्रसाद तिवारी ने हिंदी साहित्य में नवाचारों का उल्लेख करते हुए “गौहन्ना डॉट कॉम” को एक अलग विधा की अनूठी कृति बताया।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी साहित्य समिति देहरादून के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ राम विनय ने किया, जिन्होंने पुस्तक को अद्वितीय कृति बताते हुए अवध एवं मिथिला की संस्कृति के मध्य संवाद को प्रस्तुत करने की सराहना की। संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर डॉ अरविंद नारायण मिश्र ने समापन भाषण देते हुए लेखक को निरंतर नए सृजन की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार जितेन ठाकुर, कवि कांत, अंबर खरबंदा, सतीश बंसल, लेखिका सुमन पांडे व ऊषा झा, कुलदीप गैरोला, रणधीर अरोड़ा, अनुपम द्विवेदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।