उत्तराखंड

श्री बदरीनाथ धाम में भगवान वराह जयंती

गुरूवार देर रात श्री वराह शिला पूजा संपन्न

श्री बदरीनाथ धाम

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) द्वारा बीते कल गुरुवार देर रात्रि को श्री बदरीनाथ धाम में वराह जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम पावन अलकनंदा नदी के तट पर तप्त कुंड के निकट स्थित पंच शिलाओं में से प्रसिद्ध वराह शिला की पूजा-अर्चना की गयी।भगवान विष्णु हरि नारायण के दस अवतारों में वराह तीसरा अवतार भगवान वराह का है।

 

मान्यता है कि भगवान ने वराह का रूप धारण कर समुद्र में छुपे हिरण्याक्ष नामक दानव का वध किया था तथा भू लोक को हिरण्याक्ष के भय से मुक्त कर दिया।

 

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम में वराह शिला पूजन होता है। रावल अमरनाथ प्रसाद नंबूदरी ने वराह शिला की पूजा -अर्चना तथा अभिषेक किया, जगत कल्याण की प्रार्थना की। इस अवसर पर धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल, वेद पाठी आचार्य रविंद्र भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी विवेक थपलियाल,आचार्य अमित बंदोलिया रघुवीर पुंडीर, नारायण नंबूदरी, राजेश नंबूदरी दर्शन कोटवाल आदि मौजूद रहे।

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