उत्तराखंड

Maha Shivratri 2025: देवभूमि में गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे, शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पूरी देवभूमि शिवमय हो गई है। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के इस शुभ दिन पर शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु रात से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतार में खड़े हैं। हर-हर महादेव और ओम नमः शिवाय के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।

शिव विवाह की पौराणिक कथा और महाशिवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसी दिन देवाधिदेव महादेव ने गृहस्थ जीवन को स्वीकार किया था। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शिवालयों में भक्तों का तांता, भक्ति में लीन श्रद्धालु

महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों की आस्था चरम पर है। बड़े-बुजुर्ग, युवा और बच्चे सभी इस पावन दिन पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए घंटों अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मंदिरों में विशेष आरती और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है।

शिवपूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त

यद्यपि महाशिवरात्रि का पूरा दिन भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है, लेकिन शुभ मुहूर्त में की गई पूजा का विशेष महत्व होता है। शिव महाकाल हैं, इसलिए उनकी पूजा पर भद्रा और पंचक जैसे अशुभ योगों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस कारण महाशिवरात्रि पर पूरे दिन भक्त निर्बाध रूप से भोलेनाथ की आराधना कर सकते हैं।

हर-हर महादेव! शिवभक्ति में डूबी देवभूमि

देवभूमि के प्रसिद्ध शिव मंदिरों— केदारनाथ, तुंगनाथ, नीलकंठ महादेव और जागेश्वर धाम में विशेष पूजा-अर्चना हो रही है। हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से शिवालयों में दर्शन के लिए पहुंचे हैं। हर कोई महादेव की कृपा पाने के लिए रात्रि जागरण, मंत्र जाप और रुद्राभिषेक कर रहा है।

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