
रुड़की। हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र में पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए साधु-संतों के भेष में घूम रहे 11 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ये सभी आरोपी बाबा बनकर भीख मांगने और लोगों की धार्मिक भावनाओं का लाभ उठाकर अधिक धनराशि वसूल रहे थे। गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर धर्म की आड़ में ठगी करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि अपने-अपने क्षेत्रों में साधु-संतों का भेष धारण कर विशेषकर महिलाओं और युवाओं को भ्रमित कर ठगी करने वाले फर्जी बाबाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
🔱 आस्था के नाम पर ढोंग नहीं “ऑपरेशन कालनेमी” में 11 बहरूपिये बाबा दबोचे गए
👳♂️⚖️ भेष बदला, कानून नहीं रुड़की पुलिस ने नकली बाबाओं पर कसा शिकंजा 👮♂️
🚫🤲 भीख की आड़ में ठगी नहीं चलेगी पुलिस की सख़्त और स्पष्ट चेतावनी#UKPoliceStrikeOnCrime #haridwar #Kalnemi pic.twitter.com/t5Co4XkL9P
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) December 18, 2025
इन निर्देशों के अनुपालन में सिविल लाइन कोतवाली रुड़की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 बहरूपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार ढोंगी बाबा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के निवासी हैं, जो बाबा बनकर भीख मांगने और चमत्कार या समस्या समाधान का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम वसूलते थे।
इस संबंध में शेखर चंद्र सुयाल, एसपी देहात ने बताया कि सभी गिरफ्तार फर्जी बाबाओं के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन कालनेमि आगे भी लगातार जारी रहेगा और ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, जो धर्म और आस्था की आड़ में लोगों को गुमराह करने का प्रयास करेगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य साधु-संतों का भेष धारण कर ठगी, पाखंड और छल-कपट करने वाले बहुरूपियों को पकड़ना है। मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सनातन संस्कृति की पवित्रता से खिलवाड़ करने वालों के लिए उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर कोई स्थान नहीं है।