
चमोली: सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब में आज शुक्रवार को इस वर्ष की अंतिम अरदास के साथ कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी के साथ लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच बंद होंगे। बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी के कारण पूरा हेमकुंड क्षेत्र इस समय बर्फ की सफेद चादर में ढका हुआ है।
हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से कपाट बंदी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ट्रस्ट के अनुसार, सुबह 10 बजे सुखमणी साहिब का पाठ आरंभ होगा, जिसके बाद दोपहर लगभग 2 बजे कपाट विधिवत रूप से बंद कर दिए जाएंगे।
हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु घांघरिया और हेमकुंड साहिब परिसर में कपाट बंद होने के साक्षी बनने पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि हेमकुंड साहिब में अंतिम अरदास का दर्शन और श्रद्धा भाव से कपाट बंद होने की प्रक्रिया देखना आत्मिक अनुभव प्रदान करता है।
इस बार मौसम के बदलते मिजाज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते हेमकुंड साहिब तक की यात्रा कुछ दिन पहले ही चुनौतीपूर्ण हो गई थी। प्रशासन और ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को नियंत्रित किया था।
गौरतलब है कि समुद्र तल से 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब सिख आस्था का प्रमुख तीर्थ है, जो हर साल मई-जून में श्रद्धालुओं के लिए खुलता है और अक्टूबर में शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है। सर्दियों में यहां तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है।
कपाट बंद होने के बाद पुजारी और सेवादार पवित्र ग्रंथों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर रखेंगे। वहीं, अगले वर्ष मई-जून में जब मौसम अनुकूल होगा, तब पुनः कपाट खोले जाएंगे और यात्रा आरंभ होगी।