
देहरादून | 04 दिसंबर 2025: मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग और अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। राजधानी के सुनियोजित, सुरक्षित और नियमानुसार विकास को सुनिश्चित करने के लिए एमडीडीए रोजाना विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है। अवैध कॉलोनाइज़र और नियमों का उल्लंघन कर भूमि का दुरुपयोग करने वालों पर निरंतर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, ताकि अनियोजित और अवैध विकास को रोका जा सके। यह अभियान न केवल शहर के व्यवस्थित विकास को दिशा दे रहा है, बल्कि आम नागरिकों के हितों और सुरक्षा की भी रक्षा कर रहा है।
विकासनगर और शिमला बाईपास सहित कई क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई
एमडीडीए की टीम ने आज विकसित नगर, शिमला बाईपास और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई की। होरोवाला रोड, छरबा क्षेत्र में मदन सिंह नेगी द्वारा लगभग 4–5 बीघा भूमि पर की जा रही अवैध प्लॉटिंग का ध्वस्तीकरण किया गया। इस कार्रवाई के दौरान टीम में अवर अभियंता सिद्धार्थ सेमवाल, अमन पाल, सुपरवाइज़र और पुलिस बल मौजूद रहे।
शेरपुर सेलाकुई में 20 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त
बीते बुधवार को शेरपुर सेलाकुई, देहरादून में लगभग 20 बीघा भूमि पर नवीन गुप्ता और अन्य द्वारा की जा रही अवैध प्लॉटिंग पर निर्णायक कार्रवाई की गई। टीम ने संपूर्ण प्लॉटिंग को ध्वस्त किया। कार्रवाई के दौरान अवर अभियंता नितेश राणा और सुपरवाइज़र स्थल पर मौजूद रहे और पूरा अभियान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी का बयान
उपाध्यक्ष ने कहा कि एमडीडीए का उद्देश्य देहरादून और आसपास के क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना है। अवैध प्लॉटिंग और निर्माण न केवल शहर की भौतिक संरचना को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि भविष्य में जनता को सड़क, बिजली, सीवर और जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए प्राधिकरण किसी भी प्रकार के अनधिकृत विकास को बर्दाश्त नहीं करेगा। अवैध गतिविधियों पर तत्काल सीलिंग और ध्वस्तीकरण किया जाएगा, चाहे मामला छोटा हो या बड़ा। यह अभियान आगे भी पारदर्शिता के साथ जारी रहेगा।
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया का बयान
सचिव ने बताया कि एमडीडीए की टीमें लगातार मैदानी स्तर पर निगरानी कर रही हैं। जहां भी अवैध प्लॉटिंग या निर्माण पाया जा रहा है, वहीं तत्काल सख्त कार्रवाई की जा रही है। लक्ष्य है कि प्राधिकरण क्षेत्र का विकास व्यवस्थित, नियमसम्मत और सुरक्षित रूप से हो, और इसके लिए किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।