उत्तराखंडदेहरादून

छुट्टी के दिन भी काम पर जुटे एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी

सुबह-सवेरे राजपुर रोड के सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण, अधिकारियों व मजदूरों से की बातचीत

देहरादून: मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी अपने सक्रिय नेतृत्व और अनुकरणीय कार्यशैली के लिए लगातार सुर्खियों में हैं। शहर के सौंदर्यीकरण अभियान को गति देने के लिए वे रविवार जैसे अवकाश दिवस पर भी काम पर जुटे रहे।

सुबह-सवेरे उन्होंने राजपुर रोड और दिलाराम चौक क्षेत्र में जारी विकास कार्यों का स्वयं निरीक्षण किया और गुणवत्ता की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों व मजदूरों से सीधी बातचीत कर कार्य प्रगति की जानकारी ली।

शहर के मुख्य मार्गों को नया रूप देने में जुटा एमडीडीए

राजधानी देहरादून की प्रमुख सड़कों को आकर्षक स्वरूप देने के लिए एमडीडीए की टीम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है।
राजपुर रोड पर डिवाइडरों की पेंटिंग, पौधरोपण और दीवारों पर म्यूरल आर्ट का काम तेजी से चल रहा है।
दिलाराम चौक से हाथीबड़कला तक की दीवारें अब रंग-बिरंगी कलाकृतियों से सजी हैं, जो स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं।
एमडीडीए का लक्ष्य है कि देहरादून को “क्लीन एंड ग्रीन सिटी” की पहचान मिले।

“विकास फाइलों में नहीं, सड़कों पर दिखना चाहिए” — बंशीधर तिवारी

निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि विकास कार्य केवल कागजों पर नहीं, बल्कि सड़कों और जनजीवन में दिखाई देने चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाएं समय सीमा और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरी हों।
साथ ही स्थानीय कलाकारों और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी बल दिया।

मैदान पर पहुंचे अधिकारी से बढ़ा कर्मचारियों का उत्साह

तिवारी के निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर मौजूद मजदूरों में विशेष उत्साह देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि जब अधिकारी स्वयं आकर काम की जानकारी लेते हैं, तो जिम्मेदारी और जोश दोनों बढ़ जाते हैं।

एमडीडीए अब राजपुर रोड के बाद दिलाराम चौक, हाथीबड़कला, ईसी रोड, सहारनपुर रोड और आईएसबीटी क्षेत्र में भी इसी तर्ज पर सौंदर्यीकरण कार्य शुरू करने की तैयारी में है।

देहरादून को मिलेगी नई पहचान

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि —

> “देहरादून केवल राजधानी नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पहचान है। हमारा लक्ष्य इसे स्वच्छ, सुव्यवस्थित और खूबसूरत शहर बनाना है। नागरिकों की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं।”

एमडीडीए के प्रयास अब शहर की सूरत में स्पष्ट रूप से झलकने लगे हैं —
दीवारों पर रंग चढ़ रहे हैं, डिवाइडरों पर पौधे मुस्कुरा रहे हैं,
और देहरादून “सुंदर शहर, बेहतर जीवन” के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

 

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