
नैनीताल Mon, 29 Sep 2025: एक शोध में खुलासा हुआ है कि अभिभावकों की लापरवाही और आर्थिक तंगी किशोरों को नशे की लत की ओर धकेल रही है। यही लत उनके स्वभाव को आक्रामक और अपराध प्रवृत्ति वाला बना रही है।
नशे की लत किशोरों के जीवन को बर्बादी की ओर धकेल रही है। यह न केवल उनके स्वभाव को हिंसक और अपराधी प्रवृत्ति वाला बना रही है, बल्कि चोरी और हमले जैसी घटनाओं को भी जन्म दे रही है।
नैनीताल निवासी कुमाऊं विश्वविद्यालय के शोधार्थी भरत कुमार ने “किशोर अपराध: एक सामाजिक विधिक अध्ययन—उत्तराखंड के नैनीताल जिले में मद्यव्यसनीय किशोर” विषय पर शोध किया है। इस अध्ययन में पाया गया कि प्रतिबंधित दवाओं और नशे का सेवन किशोर अपराधों में तेजी से वृद्धि कर रहा है।
मुख्य कारणों में—
परिवार में संघर्ष
माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी
अनुशासनहीनता
कक्षा में खराब प्रदर्शन
सामिल हैं। शोध में यह भी सामने आया कि अधिकतर किशोर अपने साथियों को भी नशे की लत लगाते हैं, जिसका नकारात्मक असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर किशोर ज्यादा प्रभावित
अध्ययन के अनुसार, कानून तोड़ने वाले 100 किशोरों में से 74 आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। नशे के लिए पैसे न मिलने पर ये चोरी, हिंसा और अन्य अपराध करने से भी पीछे नहीं हटते। आर्थिक कठिनाई और बेहतर जीवनशैली की चाह उन्हें अपराध के दलदल में धकेल रही है।
केस स्टडी
केस 1
करीब डेढ़ साल पहले, एक 15 वर्षीय हाईस्कूल छात्र ने शराब के नशे में हिंसक अपराध किया। रास्ते के विवाद में उसने पड़ोस की महिला पर हथियार से हमला कर दिया।
केस 2
वर्ष 2017 में एक किशोर का अपने पड़ोसी से रास्ते को लेकर झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने धारदार हथियार से महिला पर कई वार किए, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई।