घटना

Merrut: मुहर्रम के ताजिया प्रभारी पर गोली से हमला, जुलूस रोका गया

उत्तर प्रदेश : मेरठ जिले के सरधना में मुहर्रम के दौरान एक गंभीर घटना घटी है। यहां ताजिया के जिम्मेदार व्यक्ति पर सरेआम गोली चलाई गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और ताजिया जुलूस को रोक दिया गया। हालांकि बाद में प्रशासन के आश्वासन के बाद जुलूस शांतिपूर्वक निकाला गया।

गोली से हमला

मोहल्ला ऊंचापुर निवासी कादिर बेग (50 वर्ष) पर शनिवार देर रात शुऐब उर्फ टिड्डी ने एलानिया गोली चलाई। कादिर बेग जो पेशे से ट्रांसपोर्टर हैं और ताजिया के जिम्मेदार भी हैं, उनके बाएं कंधे में गोली लगी। घायल व्यक्ति को पहले सीएचसी में प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में मेरठ के जसवंत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

घटना के बारे में घायल कादिर बेग के चचेरे भाई गुलजार ने बताया कि शनिवार देर रात दो बजे ताजिया निकालने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान आरोपी शुऐब शराब के नशे में गाली-गलौज करने लगा। जब कादिर ने इसका विरोध किया तो शुऐब ने ताजिया तोड़ने की धमकी देते हुए गोली मारने की बात कही। इसके बाद कादिर अपने घर चले गए। कुछ देर बाद शुऐब अपने साथियों के साथ कादिर के घर पहुंचा और गोली मार दी। गोली चलाने के बाद आरोपी बाइक पर सवार होकर भाग गए। गुलजार ने शुऐब और उसके साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

इस घटना के बाद रविवार को दोपहर दो बजे निकलने वाला ताजिया जुलूस समय पर नहीं उठ सका। पुलिस सुरक्षा न मिलने से क्षेत्र में रोष फैल गया। ऊंचापुर, सराय अफगानान और आजादनगर के जिम्मेदार लोगों ने सुरक्षा के अभाव में ताजिया न उठाने का निर्णय लिया। स्थानीय प्रशासन को पूर्व में जुलूस के कार्यक्रम की जानकारी होने के बावजूद ताजिया स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी।

इस लापरवाही से नाराज लोगों ने जुलूस को रोक दिया और एसएसपी तथा एसपी देहात से फोन पर संपर्क कर मामले से अवगत कराया। खुफिया विभाग ने भी घटना की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई। इसके बाद सरधना पुलिस हरकत में आई। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा के निर्देश पर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रताप सिंह खुद सराय अफगानान पहुंचे और ताजिया जुलूस के जिम्मेदार लोगों से बातचीत की। उन्होंने जुलूस के दौरान सुरक्षा का पूरा आश्वासन दिया।

प्रशासन के आश्वासन के बाद शाम करीब पांच बजे निर्धारित समय से तीन घंटे बाद ताजिया उठाए गए और शांतिपूर्वक जुलूस निकाला गया। मामले में आरोपी शुऐब को मुठभेड़ में पकड़ा जा चुका है। इस घटना से स्पष्ट होता है कि धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कितनी महत्वपूर्ण है और प्रशासन की तत्परता से ही ऐसी स्थितियों को संभाला जा सकता है।

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