
देहरादून: प्रदेश में 4400 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए राजस्व, उद्यान, कृषि और गन्ना विकास विभाग के कर्मचारी सर्वे करेंगे। सर्वे से पहले कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
राज्य में करीब 16 हजार गांव हैं। अब तक इन गांवों में फसल का ब्यौरा मैनुअल तैयार किया जाता था, लेकिन अब कृषि मंत्रालय ने डिजिटल क्रॉप सर्वे का निर्देश जारी किया है। पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ क्षेत्रों में लागू करने की योजना थी, लेकिन अब सीधे बड़े स्तर पर सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है।
मोबाइल एप से होगा सर्वे
डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए मोबाइल एप का उपयोग होगा। जैसे ही सर्वेयर खेत में पहुंचेगा, जीपीएस लोकेशन दर्ज हो जाएगी। सर्वेयर को खेत की तस्वीर खींचकर एप में अपलोड करनी होगी। इसके बाद खेत स्वामी, खेत का क्षेत्रफल, बोई गई फसल, खेत में मौजूद वृक्षों की संख्या और सिंचाई की स्थिति का पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा।
क्या होंगे फायदे
यह सर्वे साल में दो बार (रबी और खरीफ सीजन) किया जाएगा। इससे खेत में कौन-कौन सी फसल बोई गई है और कितना क्षेत्रफल किस फसल के अंतर्गत है, इसकी जानकारी उपलब्ध होगी। अगर किसान फसल बदलता है, तो उसका भी रिकॉर्ड रहेगा।
सर्वे के दौरान अगर भूमि की प्रकृति बदलती है, जैसे खेत में मकान या सड़क बनती है, तो वह जानकारी भी डिजिटल रूप से दर्ज होगी। इससे कृषि भूमि और उसमें होने वाले बदलाव का सटीक डाटा मिल सकेगा।
पहला चरण
पहले चरण में 4400 गांवों में यह डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण कार्य पूरा होते ही सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।