
देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) में लंबे समय से रिक्त चल रहे संयुक्त सचिव के पद पर अब पीसीएस अधिकारी गौरव चटवाल ने पदभार ग्रहण कर लिया है। उनकी नियुक्ति से प्राधिकरण के कामकाज में नई गति आने की उम्मीद की जा रही है, विशेषकर अवैध निर्माणों की सुनवाई और नियमन के क्षेत्र में।
संयुक्त सचिव के रूप में गौरव चटवाल को सेक्टर 1 से लेकर 12 तक के व्यावसायिक भवनों से संबंधित वादों की सुनवाई का दायित्व सौंपा गया है। पूर्व में इस पद के रिक्त होने के चलते इन वादों की सुनवाई अधिशासी अभियंताओं द्वारा की जा रही थी, जिससे निर्णय प्रक्रिया में देरी हो रही थी।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने कहा कि संयुक्त सचिव की नियुक्ति से अब वादों की सुनवाई और तेज़ी से, साथ ही नियमानुसार की जाएगी। वहीं, सचिव महोदय ने इसे एक अहम कदम बताते हुए कहा कि श्री चटवाल की नियुक्ति के बाद शिकायतों और प्रकरणों का निष्पादन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
नवनियुक्त संयुक्त सचिव गौरव चटवाल ने स्पष्ट किया कि वे हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आमजन की शिकायतों की नियमित सुनवाई करेंगे। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि निर्माण कार्य केवल मानचित्र स्वीकृति के बाद ही करें।
यदि किसी प्रकरण में मानचित्र से विचलन कर निर्माण हुआ है, तो उसकी गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार शमन किया जाएगा, ताकि किसी भी निर्दोष नागरिक को अनावश्यक परेशानी न हो।
चटवाल ने यह भी कहा कि शहर में अवैध निर्माणों की रोकथाम को लेकर प्राधिकरण पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनके अनुसार, सुनवाई प्रक्रिया को पारदर्शी और जनहितकारी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
गौरव चटवाल जैसे अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति से मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण में न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को गति मिलेगी, बल्कि आम जनता को न्याय और राहत मिलने की संभावना भी बढ़ेगी। अब देखना होगा कि ये नया बदलाव ज़मीन पर कितनी जल्दी और कितना असरदार साबित होता है।