उत्तराखंड कृषि क्षेत्र में नई क्रांति – ई-रूपी प्रणाली और चार नीतियों की शुरुआत
मुख्यमंत्री के हाथों ई-रूपी प्रणाली और चार कृषि नीतियों का शुभारंभ

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में डिजिटल तकनीक पर आधारित “ई-रूपी प्रणाली”और चार महत्वाकांक्षी कृषि नीतियों का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि सरकार जल्द ही फ्लावर पॉलिसी* और हनी पॉलिसी भी लागू करेगी, जिससे राज्य के किसानों को नई संभावनाएं मिलेंगी।
ई-रूपी प्रणाली की शुरुआत
ई-रूपी प्रणाली किसानों को *बिचौलिया-मुक्त, पारदर्शी और तेज* भुगतान सेवा प्रदान करेगी।
- किसानों को ई-वाउचर (SMS/QR कोड) के रूप में सब्सिडी दी जाएगी।
- वाउचर का उपयोग खाद, बीज, दवाएं आदि खरीदने में किया जा सकेगा।
- मुख्यमंत्री ने गांव-गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए
शुभारंभ की गई चार नई कृषि नीतियाँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नीतियाँ राज्य के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और रोजगारपरक बनाएंगी।
1. कीवी नीति : कुल लागत: ₹894 करोड़
6 वर्षों में 3500 हेक्टेयर भूमि पर कीवी उत्पादन
14,000 मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन
9,000 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ
2. ड्रैगन फ्रूट नीति: कुल लागत: ₹15 करोड़
228 एकड़ भूमि में उत्पादन
लक्ष्य: 350 मीट्रिक टन
छोटे और मध्यम किसानों को प्राथमिकता
3. सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना: लागत: ₹144.55 करोड़
5,000 हेक्टेयर में अति सघन बागवानी
22 सीए स्टोरेज और ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना
व्यक्तिगत कृषकों को 50% और समूहों को 70% तक अनुदान
4. मिलेट नीति: लागत: ₹135 करोड़
70,000 हेक्टेयर क्षेत्र को लाया जाएगा
पंक्ति बुआई पर ₹4000/हेक्टेयर, अन्य पर ₹2000
खरीद पर ₹300/क्विंटल प्रोत्साहन
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इन योजनाओं से उत्तराखंड के कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और पलायन की समस्या पर भी रोक लगेगी।इस अवसर पर राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी, किसान प्रतिनिधि, और कृषि से जुड़े विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।