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बाप रे इतना महंगा इलाज! एक टांके की कीमत 23 हजार, 7 टांके लगा मरीज से वसूले 1.60 लाख, बिल हुआ वायरल

राजकोट के एक अस्पताल ने एक बच्चे के इलाज के लिए 1.6 लाख रुपये का बिल जारी किया है. जिसमें केवल 7 टांके लगाए गए थे और इतना बड़ा बिल थमा दिया गया. यह बिल अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिससे अस्पताल की मनमानी फीस पर सवाल उठ रहे हैं. परिवार ने अस्पताल पर मेडिक्लेम का फायदा उठाने और बिल बढ़ाने का आरोप लगाया है. वहीं बिल संशोधित नहीं होने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है.
गुजरात के राजकोट में का वॉकहार्ट अस्पताल का बिल सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. यह बिल इस अस्पताल में एक बच्चे के इलाज का है. बच्चे को मामूली चोटें आई थीं और इस अस्पताल में उसे सात टांके लगाए गए थे. इसके लिए अस्पताल ने 15 हजार रुपये का बिल बनाया और फिर 1.60 लाख रुपये का अतिरिक्त बिल थमा दिया. बच्चे के परिजनों ने अस्पताल के इस बिल को सोशल मीडिया में डाल दिया.
देखते ही देखते यह बिल वायरल होने लगा. अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि सिर्फ 7 टांके लगाने के लिए 1.60 लाख रुपये का बिल कैसे हो गया. बच्चे के परिजनों के मुताबिक एक दुर्घटना में बच्चा घायल हो गया तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने बच्चे के घाव का इलाज करते हुए 7 टांके लगाए और कुछ दवाइयां भी दी. लेकिन इतने के लिए उन्हें 1.60 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया.
प्रति टांका वसूले 23 हजार रुपये
परिजनों के मुताबिक अस्पताल ने एक टांका लगाने के लिए उनसे 22 हजार 857 रुपये वसूल किए हैं. परिजनों के मुताबिक टांका लगाने के बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया. परिजनों के मुताबिक अस्पताल ने बच्चे का मेडिक्लेम देखते ही बिल को कई गुना बढ़ा दिया. यही नहीं अस्पताल ने बीमा कंपनी से मिलीभगत कर इस क्लेम को मंजूर भी करा लिया.
डॉक्टर की विजिट पर दिखाया 61 हजार का खर्च
परिजनों के मुताबिक सामान्य परिस्थिति में इस अस्पताल में सर्जन की प्रति विजिट फीस 100 रुपये है, लेकिन बिल में सर्जन की विजिट पर खर्च 61 हजार 120 रुपये दिखाया गया है. बच्चे के परिजनों ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लोगों ने गुजरात के स्वास्थ्य विभाग को टैग करते हुए इसमें कार्रवाई की मांग की है.

 

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