मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन पहुंचा लोकतंत्र सेनानी के घर, पेंशन समस्या के लिए एकत्र किए दस्तावेज

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद देहरादून जिला प्रशासन ने लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं के समाधान में त्वरित गति दिखाते हुए एक अनुकरणीय पहल की है। गत दिवस सेवासदन में आयोजित लोकतंत्र सेनानी सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का तत्काल अनुपालन करते हुए प्रशासन ने लोकतंत्र सेनानी के घर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।
लोकतंत्र सेनानी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय मोहन सिंह रावत (गांववासी) की धर्मपत्नी मुन्नी रावत की पेंशन से जुड़ी समस्या पर देहरादून जिला प्रशासन ने अत्यंत संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के स्पष्ट निर्देशों के अनुसार अपर जिलाधिकारी जय भारत ने बृहस्पतिवार को प्रशासन की एक विशेष टीम का गठन किया और इस टीम को सीधे लोकतंत्र सेनानी के निवास स्थान पर भेजा गया।
प्रशासनिक टीम देहरादून के बदरीपुर स्थित लोकतंत्र सेनानी के निवास पर पहुंची और वहां मुन्नी रावत से विस्तार से उनकी समस्याओं को समझा। टीम ने अत्यंत धैर्य और संवेदनशीलता के साथ उनकी पेंशन संबंधी जटिलताओं को सुना और समस्या के त्वरित निस्तारण के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों का संकलन किया। यह पूरी प्रक्रिया इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशानुसार मुन्नी रावत की पेंशन संबंधी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उनकी पेंशन का मामला प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक व्यापक नीति तैयार की है। इस नीति के तहत लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं का प्राथमिकता पर निस्तारण करने के लिए शासन स्तर पर विशेष नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री के इन स्पष्ट निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण एवं उनके हितों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन को पूरी संजीदगी से त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। देहरादून जिला प्रशासन द्वारा की गई यह पहल इस दिशा में एक सराहनीय उदाहरण है।