ऑपरेशन कालनेमि: फर्जी डॉक्टर के रूप में क्लीनिक चलाने वाला बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

देहरादून: ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अवैध रूप से भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। थाना सेलाकुई पुलिस की इस कार्रवाई में पकड़ा गया आरोपी अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर बंगाली डॉक्टर के रूप में क्लीनिक संचालित कर रहा था और फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्षों से देहरादून में निवास कर रहा था।
एसएसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एलआईयू यूनिट सहसपुर की टीम ने सेलाकुई क्षेत्र में सत्यापन अभियान चलाया। इस दौरान ग्राम कैंचीवाला धूमनगर चौक सेलाकुई से अमित कुमार नाम से पहचान बनाकर रह रहे व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताया, लेकिन गहन जांच के बाद उसने अपना वास्तविक नाम चयन अधिकारी बताया और स्वीकार किया कि वह मूल रूप से बांग्लादेश का नागरिक है।
आरोपी के पास से पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किए हैं। इन सभी दस्तावेजों में उसका नाम अमित कुमार दर्ज है, जो उसकी वास्तविक पहचान नहीं है। विदेशी अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और एलआईयू, स्पेशल ब्रांच, एसओजी, स्थानीय पुलिस तथा आईबी के संयुक्त दल द्वारा उससे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
2017 से छुप-छुपकर कर रहा था भारत में निवास
थाना सेलाकुई के प्रभारी पीडी भट्ट के अनुसार, आरोपी चयन अधिकारी वर्ष 2017-18 में बेनापोल बॉर्डर, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी पासपोर्ट पर भारत में प्रवेश किया था। यहां पहुंचने के बाद वह संभल, उत्तर प्रदेश में अपने ताऊ शंकर के पास गया, जो बंगाली डॉक्टर के नाम से क्लीनिक चलाते थे। आरोपी ने अपने ताऊ से मेडिकल प्रैक्टिशनर का काम सीखा और अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज बनवाए।
स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ वर्ष 2022 में आया जब आरोपी के ताऊ की मृत्यु हो गई। पकड़े जाने के डर से उसने अपना बांग्लादेशी पासपोर्ट जला दिया और भारतीय पहचान पत्रों के आधार पर विभिन्न स्थानों पर काम करने लगा। पिछले कुछ महीनों से वह सेलाकुई में बंगाली क्लीनिक चलाकर मरीजों का इलाज कर रहा था, जो पूर्णतः अवैध था।