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ऑपरेशन केलर: शोपियां में लश्कर के तीन आतंकी ढेर, सेना का आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में भारतीय सेना ने एक और बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते हुए ऑपरेशन केलर के तहत लश्कर-ए-तैयबा के तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन 13 मई को सेना की विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया, जिसमें सुरक्षाबलों ने केलर इलाके में छिपे आतंकियों को निशाना बनाकर खत्म किया।

सेना ने इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन केलर” नाम इसलिए दिया क्योंकि ये आतंकी शोपियां के शोकल केलर इलाके में छिपे हुए थे। मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन हार्डकोर आतंकी मारे गए। सेना का यह स्पष्ट संदेश है कि अब घाटी में छिपे आतंकियों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद घाटी में आतंकियों के खिलाफ नया मोर्चा

इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को निशाना बनाकर उन्हें जहन्नुम पहुंचाया था। ऑपरेशन केलर उसी सिलसिले की अगली कड़ी है, जहां अब घाटी में मौजूद आतंकवादियों को खत्म किया जा रहा है।

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं। इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सीमा पार से आतंकवाद अब भी भारत के लिए बड़ा खतरा है। इसके बाद भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि देश के अंदर भी आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है।

 

पाकिस्तान की बौखलाहट और ड्रोन हमलों की साजिश

भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन हमलों की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को विफल कर दिया। इन घटनाओं के कारण दोनों परमाणु शक्तियों के बीच टकराव की आशंका भी बढ़ गई, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि वह किसी भी आतंकी कार्रवाई को युद्ध की तरह लेगा और उसी हिसाब से जवाब देगा।

 

पीएम मोदी का पाकिस्तान को दो टूक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि भारत की जमीन पर कोई भी आतंकी हमला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बस स्थगित है, और भारत की यह नीति रहेगी कि आतंकवाद को उसकी जड़ से खत्म किया जाए।

सेना की रणनीति: आतंक का खात्मा तय

शोपियां मुठभेड़ एक बार फिर दिखाती है कि सेना अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि पूरी तरह आक्रामक नीति पर चल रही है। खासकर उन इलाकों में जहां आतंकियों की मौजूदगी का इनपुट मिलता है, वहां सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। सेना के इस रुख से घाटी में आतंकवादियों में खौफ है और स्थानीय लोगों में भरोसा बढ़ा है।

ऑपरेशन केलर से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ समझौता नहीं करेगा। सीमा पार से लेकर घाटी के अंदर तक, हर आतंकी को उसकी सही जगह पहुंचाया जाएगा। सेना की यह मुहिम तब तक जारी रहेगी जब तक आतंक का नामोनिशान मिट नहीं जाता।

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