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ऑपरेशन सिंदूर: “मिशन का नाम सुनकर भावुक हो गई थी”, बदले की कार्रवाई के बाद छलका पीड़ितों का दर्द

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कड़ा संदेश दिया। इस जवाबी कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया।

इनमें से चार ठिकाने पाकिस्तान में — बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट जैसे इलाकों में थे, जबकि पांच ठिकाने पीओके में स्थित थे। इस ऑपरेशन में विशेष सटीक हथियारों का उपयोग किया गया और भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमले के दौरान आसमान धमाकों से लाल हो गया। करीब 40 मिनट तक लगातार धमाके होते रहे और उसके बाद भी आसमान में लड़ाकू विमानों की गूंज बनी रही।

शहीदों के परिजन बोले – “अब मिला सच्चा न्याय”

इस हमले के बाद एन. रामचंद्रन की बेटी आरती ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से उनका दर्द कुछ हद तक कम हुआ है। उन्होंने कहा, “मेरे पिता की हत्या मेरी आंखों के सामने हुई थी। उस दिन से हमारा परिवार टूट गया। आज मुझे तसल्ली है कि गुनहगारों को सज़ा मिली। ऑपरेशन सिंदूर से बेहतर कोई नाम नहीं हो सकता था। यह आतंक के खिलाफ सबसे मजबूत जवाब है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय सेना और सरकार को सलाम करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन से सभी पीड़ित परिवारों को थोड़ी राहत मिली होगी।

“पिता और पति की शहादत व्यर्थ नहीं गई” – असावरी जगदाले

इस हमले में मारे गए संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि आतंकियों को दी गई इस सज़ा से उन्हें सुकून मिला है। उन्होंने कहा, “कई लोगों ने अपने पिता और पति खोए हैं, लेकिन अब हमें लग रहा है कि उनकी शहादत बेकार नहीं गई। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए सच्ची श्रद्धांजलि दी है।”

उन्होंने बताया, “जब मेरे रिश्तेदारों ने फोन करके बताया कि इस मिशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया है, तो मैं भावुक हो गई। जब अमित शाह श्रीनगर आए थे, तो जिन महिलाओं ने अपने पति खोए थे, वे बिलख रही थीं। यह नाम उन्हीं की पीड़ा को सम्मान देने के लिए रखा गया है।”

पाकिस्तान और पीओके में भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई

बुधवार तड़के की गई इस सैन्य कार्रवाई में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद, और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई उस आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद की गई जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ सैन्य रूप से एक सटीक जवाब है, बल्कि यह उन परिवारों के लिए न्याय की एक किरण है, जिनके अपनों को आतंकवाद ने छीन लिया।

 

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