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पद्मश्री शीतल महाजन ने लगाई टिहरी झील के 4000 फीट ऊपर से छलांग

उत्तराखण्ड

 

20 सालों से पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग कर रही पद्मश्री शीतल महाजन ने भी टिहरी झील के ऊपर 4000 फीट की ऊंचाई पर क्रू विमान से छलांग लगाकर स्काई डाइविंग की. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है.

कमल पिमोली/श्रीनगर गढ़वाल: भारत की सबसे ऊंचाई पर स्थित बांधों में से एक टिहरी झील (Tehri Dam) विद्युत उत्पादन के साथ एडवेंचर टूरिज्म के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है. यहां वाटर स्पोर्टस से लेकर पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर होता रहता है. इसमें बड़ी तादाद में देश के साथ विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं. आने वाले समय में टिहरी झील साहसिक पर्यटन का हब बनने की ओर है. यह भारत ही नहीं, दुनिया के सबसे बेहतर पैराग्लाइडिंग डेस्टिनेशन में से एक बन रहा है.

बीते साल टिहरी झील में हुए एक्रो फेस्टिवल में तुर्की, जर्मनी, श्रीलंका, जापान, ऑस्ट्रिया, नेपाल, न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों के पैराग्लाइडरों ने यहां प्रतिभाग किया. वहीं, हाल ही में आयोजित पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में भी देश के जाने-माने पैराग्लाइडरों ने यहां झील के ऊपर करतब दिखाए थे.

 

पैराग्लाइडिंग के फेमस है टिहरी झील

टिहरी गढ़वाल में पैराग्लाइडिंग की अपार संभावनाएं हैं. ऊंचे पहाड़ों के साथ नीचे समतल व खुले मैदान, झील, उड़ान भरने के साथ लैंड करने के लिए बेस्ट है. यहां टिहरी झील के ऊपर वाला क्षेत्र (जो प्रतापनगर विधानसभा में आता है) उसकी पहाड़ियों से टिहरी झील की कोटी कलोनी तक पैराग्लाइडिंग का परफेक्ट स्पॉट है. जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी गढ़वाल, अतुल भंडारी बताते हैं कि टिहरी झील में फ्लाइंग डिस्टेंस 1400 मीटर का है. साथ ही टिहरी झील का पानी खारा नहीं है. लिहाजा झील में लैंड करते वक्त पैराग्लाइडर पानी में खराब नहीं होंगे.

 

पद्मश्री शीतल महाजन भी कर चुकी हैं डाईव

बीते 20 सालों से पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग कर रही पद्मश्री शीतल महाजन ने भी टिहरी झील के ऊपर 4000 फीट की ऊंचाई पर क्रू विमान से छलांग लगाकर स्काई डाइविंग की. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ. ये वीडियो पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी प्रतियोगिता के दौरान का है. शीतल महाजन कहती हैं कि पहली बार उन्हें टिहरी झील के ऊपर फ्रीस्टाइल ड्राइविंग करने का मौका मिला. यह एक अलग अनुभव है. आगे कहती हैं कि वर्ल्ड एयर गेम्स में भारत के खिलाड़ी न के बराबर दिखते हैं. अगर इस तरह के खेलों को बढ़ावा मिलता है, तो एयर गेम्स के ओलंपिक में भी भारत का परचम लहराएगा.

 

स्थानीय युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण

स्थानीय युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण देने के लिए यहां पर्यटन विभाग द्वारा निशुल्क बेसिक, एडवांस, एसआईवी कोर्स संचालित किया जा रहा है. इससे उत्तराखंड के युवा भी पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में कार्य व रोजगार सृजन कर सके.

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