
पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों के बीच गहरे गठजोड़ का एक और चौंकाने वाला प्रमाण सामने आया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देते दिखाई दे रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने एक पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, “अगर आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें रोक देंगे।” उनका यह बयान भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने की पृष्ठभूमि में दिया गया माना जा रहा है।
इस बयान ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी हलचल मचा दी है, क्योंकि इसकी भाषा खतरनाक रूप से आतंकी हाफिज सईद के पुराने बयान से मेल खाती है। हाफिज सईद ने भी एक बार कहा था, “अगर तुम पानी रोकोगे, तो इंशाअल्लाह, हम तुम्हारी सांसें रोक देंगे और नदियों में खून बहेगा।”
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स और विश्लेषकों ने इस भाषाई समानता को पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों की नीतिगत नजदीकियों का सबूत बताया है।
A spokesperson for the Pakistani military issued a warning to India regarding the suspension of the Indus Water Treaty,
quoting terrorist Hafiz Saeed with the statement: ‘If you cut off our water, we will cut off your breath.’
pic.twitter.com/hl45IPfLVM— Harsh Patel (@Harshpatel1408) May 23, 2025
भारत ने क्यों उठाया सख्त कदम?
बता दें कि भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार की प्रक्रिया शुरू की थी। भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत देखा जा रहा है।
He seems to have copied Lashkr e Taiba’s founder Hafiz Saeed word for word “If India stops the water we will stop their breath” I guess the Pakistani military establishment shares a script with recognized terrorists. 🤷🏻♀️ pic.twitter.com/b6dG4vi4V1
— Mariam Solaimankhil (@Mariamistan) May 22, 2025
पाकिस्तान को जल और ऊर्जा संकट का खतरा
सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, जिसमें सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर पाकिस्तान का अधिकार तय किया गया था।
अगर भारत इस संधि को स्थगित करता है, तो पाकिस्तान में जल संकट और खाद्यान्न संकट गहरा सकता है, क्योंकि पाकिस्तान की लगभग 80 फीसदी कृषि भूमि इसी जल प्रणाली पर निर्भर है।
कराची, लाहौर, मुल्तान जैसे बड़े शहरों और तरबेला तथा मंगला जैसे ऊर्जा परियोजनाओं की निर्भरता भी इन नदियों पर है। ऐसे में पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान को ऊर्जा संकट का भी सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी का यह बयान एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान की आतंकी मानसिकता और उसकी नीतिगत मंशा को उजागर करता है। भारत के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती है।