
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय कनाडा के कानानास्किस में चल रहे 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान उन्होंने दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के शीर्ष नेताओं से द्विपक्षीय बैठकें कीं और व्यापार, तकनीक, हरित ऊर्जा, संस्कृति और रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यंग से मुलाकात
पीएम मोदी ने भारत-दक्षिण कोरिया की विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने पर ज़ोर दिया। दोनों नेताओं ने ग्रीन हाइड्रोजन, जहाज निर्माण, उभरती तकनीक और आपसी सांस्कृतिक संबंधों को लेकर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम से बातचीत द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल इनोवेशन और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के रास्ते तलाशे। ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर भी अहम चर्चा हुई।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से मिलना एक सुखद अनुभव रहा।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज से मुलाकात
दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को और सुदृढ़ करने के संकल्प के साथ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने पर चर्चा की।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से द्विपक्षीय बैठक:
बैठक में व्यापार, हरित ऊर्जा, विज्ञान एवं तकनीक समेत कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की बात हुई। यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इन मुलाकातों से भारत की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मज़बूती मिली है।पीएम मोदी ने सम्मेलन से इतर बैठकों के माध्यम से विश्व पटल पर भारत के विकास मॉडल और प्राथमिकताओं को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया।