देहरादून

एनएच-74 घोटाले को लेकर फिर गर्मायी सियासत, उत्तराखंड क्रांति सेना ने की दोबारा जांच की मांग

देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े घोटालों में से एक एनएच-74 घोटाले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। उत्तराखंड क्रांति सेना ने इस मामले में शामिल आरोपियों के खिलाफ दोबारा जांच की मांग करते हुए सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि उन्होंने पूर्व में ही एनएच-74 घोटाले में आरोपी पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई थीं और उनकी क्लीन चिट निरस्त करने व तत्काल मुख्य पदों से हटाने की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज करते हुए संबंधित अधिकारी को क्लीन चिट देने के साथ-साथ और भी संरक्षण प्रदान किया। इतना ही नहीं, इस भ्रष्ट अधिकारी को पदोन्नति तक दे दी गई, जो सरकार के लिए बेहद शर्मनाक बात है।

हाल ही में जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीपी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की है, तो सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। श्रीवास्तव ने सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर राज्य सरकार की जांच एजेंसियां क्यों कुछ नहीं कर पाईं, जो केंद्रीय एजेंसी ईडी को मिल गया। केंद्रीय एजेंसी का आना राज्य की जांच एजेंसियों पर सवालिया निशान खड़े करता है।

उत्तराखंड क्रांति सेना ने सरकार से यह भी पूछा है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विधानसभा में एनएच-74 घोटाले की सीबीआई जांच कराने का वादा किया गया था, तो फिर अब तक जांच क्यों नहीं करवाई गई। संगठन ने यह संदेह भी जताया कि कहीं इस घोटाले में शामिल रसूखदार लोगों को बचाने के लिए ही जांच को टाला तो नहीं जा रहा।

डीपी सिंह वर्तमान में डोईवाला शुगर मिल के निदेशक हैं और आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बुलाकर डोईवाला शुगर मिल में नियुक्त कर दिया है। यह पूरी प्रक्रिया नियम विरुद्ध और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने वाली बताई जा रही है।

ललित श्रीवास्तव ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस मामले में शीघ्र और उचित कार्रवाई नहीं की गई तो उत्तराखंड क्रांति सेना आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एनएच-74 घोटाले की जांच न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में कराने की मांग की है, ताकि जनता का शासन-प्रशासन में भरोसा कायम रह सके और भ्रष्टाचारियों को उचित सजा मिल सके।

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